New Year 2024: जम्मू-कश्मीर के इतिहास में संभवत: पहली बार रविवार (31 दिसंबर 2023) को श्रीनगर के ऐतिहासिक लाल चौक (Lal Chowk) पर नए साल का जश्न (New Year Celebrations) मनाया गया। नए साल के आगमन के ठीक पहले जम्मू-कश्मीर की समर कैपिटल के केंद्र में स्थित चर्चित लाल चौक के घंटा घर (New Year Celebrations At Ghanta Ghar) पर लोगों को बॉलीवुड गानों की धुन पर गाते और नाचते देखा गया। G-20 की बैठक के बाद इस साल लाल चौक के घंटाघर पर बड़ा बदलाव देखने को मिला। शहर का मुख्य चौराहा अब एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण बन गया है।
स्थानीय और पर्यटक नए साल का स्वागत करने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग ऐसे स्थान पर जुटे हुए थे, जहां हिंसा और कानून-व्यवस्था के मुद्दों के कारण पहले इस तरह का जश्न कभी नहीं देखा गया था।
इससे पहले इस साल घंटाघर के पास लगाया गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक कटआउट पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच आकर्षण का नया केंद्र बन गया था। लोग इसके साथ तस्वीर या सेल्फी खिंचवाते नजर आ रहे थे। इसके बाद रविवार रात एक बार फिर लाल चौक के चारों ओर रंगीन माहौल बन गया। लाल चौक के आसपास की इमारतों को रोशनी से सजाया गया था।
सूर्यास्त के बाद काफी बड़ी संख्या स्थानीय लोग भी जश्न में शामिल हो गए। जश्न स्थल पर मौजूद श्रीनगर की स्थानीय निवासी साइमा ने News18 को बताया, "हम कुछ काम से आए थे। हमें पता चला कि यहां जश्न हो रहा है, इसलिए हम रुक गए और इसमें शामिल हो गए।"
उन्होंने आगे कहा, "लोगों को आगे बढ़ते हुए देखना अच्छा है। हमें कश्मीर पर गर्व है। हम बहुत खुश हैं कि हम आगे बढ़ रहे हैं। मैं उत्साहित हूं और यहां अन्य लोग भी उत्साहित हैं।" भीड़ मंच पर सिंगर के साथ माहौल बनाते हुए उस पल को अपने मोबाइल फोन पर कैद कर रहे थे। पर्यटन विभाग द्वारा गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग सहित प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए।
एक अन्य स्थानीय रउफ अहमद ने कहा, "मैं आज बहुत खुश हूं। स्थानीय लोग और पर्यटक एक साथ आनंद ले रहे हैं और कोई डर नहीं है। यह दुनिया भर के लोगों के लिए एक संदेश है कि वे आएं और कश्मीर नामक इस स्वर्ग का आनंद लें।" किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस और CRPF के जवानों सहित सुरक्षा बल के जवानों को वहां तैनात किया गया था।
कानून और व्यवस्था की समस्याओं का हवाला देते हुए पहले क्लॉक टॉवर (घंटा घर) पर ऐसे कार्यक्रमों की अनुमति नहीं दी जाती थी। अगस्त 2019 में आर्टिकल 370 को निरस्त करने के साथ सरकार ने इस प्रकार के कई समारोह आयोजित किए और कार्यकर्ताओं को घंटाघर के ऊपर तिरंगा फहराने की अनुमति दी।