Nikhil Kamath's Success Story: बिना स्कूल की पढ़ाई पूरा किए बड़ा बिजनेस एंपायर खड़ा कर देना, सोचने में असंभव सा लगता है लेकिन यह असंभव सी कहानी है जीरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत की। उन्होंने पहला बिजनेस 14 वर्ष की उम्र में शुरू किया था जो उनकी मां को पसंद नहीं आया तो उन्होंने दूसरा रास्ता पकड़ा और फिर धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए भाई के साथ मिलकर एक ऐसी कंपनी जीरोधा (Zerodha) शुरू की जो आज देश के टॉप ब्रोकर्स में शुमार है। निखिल कामत ने अपनी जिंदगी से जुड़े किस्से खुद करीब तीन साल पहले अप्रैल 2021 में बताई थीं। यहां उनकी जिंदगी के इन संघर्षों और उपलब्धियों के बारे में बताया जा रहा है।
निखिल कामत ने पहला बिजनेस मोबाइल फोन बेचने का शुरू किया था। यह बिजनेस उन्होंने 14 वर्ष की उम्र में शुरू किया था। उन्होंने दोस्त के साथ मिलकर इसकी शुरुआत स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़कर शुरू की थी। हालांकि जब उनकी मां को इसके बारे में पचा चला तो उन्होंने फोन तोड़कर फेंक दिया। बाद में उन्होंने एक कॉल सेंटर में 8 हजार रुपये में नौकरी की और फिर 18 वर्ष की उम्र में भाई नितिन कामत के साथ अपने कंपनी की शुरुआत की।
स्टॉक मार्केट में कैसे आए?
निखिल कामत को बड़ी मुश्किल से कॉल सेंटर में नौकरी मिली क्योंकि उस समय वह 18 वर्ष की उम्र पूरा नहीं कर पाए थे। कॉल सेंटर में शाम के 4 बजे से रात के 1 बजे यानी नाइट शिफ्ट में वह काम करते थे। इसके साथ ही उन्होंने स्टॉक मार्केट से जुड़ी बारीकियां सीखनी शुरू की जिसके बाद वह अपनी टीम के निवेश को संभालने लगे जिससे सैलरी की तुलना में कमीशन से अधिक कमाई होने लगी। कॉल सेंटर में साथ काम करने वाले लोगों के स्टॉक्स की ट्रेडिंग करते उन्हें महसूस हुआ कि उनकी असली मंजिल लोगों को वित्तीय दुनिया में मार्गदर्शन करना है। फिर वर्ष 2010 में 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर जीरोधा शुरू की।
जीरोधा ने देश में ब्रोकरेज मार्केट क्रांति ला दी और जल्द ही यह देश की सबसे बड़ी रिटेल स्टॉक ब्रोकरेज कंपनी बन गई, जिसने ट्रेडिंग के तरीके को बदल दिया। इसने स्टॉक्स में निवेश और ट्रे़डिंग को आम लोगों के लिए काफी आसान बना दिया और वह भी कम से कम ब्रोकरेज पर। नितिन कामत ने जीरोधा के बाद भी आराम नहीं किया। उन्होंने इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट में कदम रखा और True Beacon की शुरुआत की।