1.8 किलोमीटर के लिए 700 रुपये! Ola, Uber सर्ज प्राइस के नाम पर वसूल रही भारी पैसा, गुड़गांव में लोग परेशान

कैब सर्विस की बढ़ती कीमतों को लेकर लोगों में नाराजगी अब अपने चरम पर पहुंच गई है। प्रोफेशनल और रोजाना ऐप के जरिये कैब सर्विस लेने वाले लोग अक्सर बढ़े किराये को लेकर शिकायत करते हैं। हाल ही में LinkedIn पर Sprinklr में प्रोडक्ट मैनेजमेंट प्रोफेशनल सूर्य पांडे ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताई

अपडेटेड Aug 17, 2024 पर 7:00 AM
Story continues below Advertisement
हल्की बारिश में भी सर्ज प्राइस के नाम पर लूटती हैं Ola Uber, यात्री हैं परेशान।

कैब सर्विस की बढ़ती कीमतों को लेकर लोगों में नाराजगी अब अपने चरम पर पहुंच गई है। प्रोफेशनल और रोजाना ऐप के जरिये कैब सर्विस लेने वाले लोग अक्सर बढ़े किराये को लेकर शिकायत करते हैं। हाल ही में LinkedIn पर Sprinklr में प्रोडक्ट मैनेजमेंट प्रोफेशनल सूर्य पांडे ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अगर शेयर बाजार की बजाय Uber की 'सर्ज प्राइसिंग' मॉडल में निवेश किया होता, तो शायद वो भी कुख्यात स्टॉकब्रोकर हर्षद मेहता की तरह मुनाफा कमा सकते थे।

हल्की बारिश में भी सर्ज प्राइस के नाम पर लूटती हैं Ola Uber

पांडे ने अपनी पोस्ट में गुरुग्राम की स्थिति के बारे में कहा कि जहां हल्की बारिश के बाद ही कैब बुकिंग के लिए 300% अधिक किराया मांगा जाता है, और फिर भी लोग घंटों तक कैब के इंतजार में खड़े रहते हैं। उन्होंने कहा कि सर्ज प्राइसिंग की वजह से छोटे सफर भी महंगे हो जाते हैं, जिससे वे पार्किंग एग्जिट पर खड़े किसी व्यक्ति से घर तक लिफ्ट मांगने को मजबूर हो जाते हैं। उन्होंने अपनी 1.8 किलोमीटर की यात्रा का उदाहरण देते हुए बताया कि यह दूरी भी अब उनके लिए महंगी साबित हो रही है।


लोग कम करने लगे हैं ओला उबर का इस्तेमाल

पांडे ने किराये के मॉडल पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह किसने तय किया कि 7-सीटर गाड़ी का किराया WagonR से अधिक होना चाहिए? यह बात उन लोगों के लिए भी है जो ऑप्शनल ट्रांसपोर्ट ऑप वैकल्पिक ट्रांसपोर्ट ऑप्शन की देखते हैं। एक अन्य यूजर ने लिखा कि वह दिनभर यात्रा करते हैं, लेकिन मुंबई, दिल्ली या कोलकाता जैसे शहरों में Ola या Uber का इस्तेमाल बंद कर दिया है। उन्हें टैक्सी बुकिंग के लिए ये भरोसेमंद सोर्स नहीं लगते। अधिकतर काली-पीली टैक्सियां बेहतर होती हैं और उनके किराए भी स्थिर होते हैं।

मानसून में छोटे सफर के लिए भी लेते हैं भारी सर्ज चार्ज

दूसरों ने भी इस पर अपनी शिकायत लिखी, जहां एक यूजर ने बताया कि कुछ मामलों में ऑटो-रिक्शा का किराया भी कैब से ज्यादा हो जाता है, जो दैनिक यात्रियों के लिए स्थिति को और भी अधिक निराशाजनक बना देता है। एक और टिप्पणी में एक यूजर ने गुरुग्राम में अपनी इंटर्नशिप के दौरान बाइक सवारों से लिफ्ट मांगने की यादें साझा कीं। मानसून के दौरान कई मेट्रो शहरों में छोटे-छोटे सफर के लिए भी भारी सर्ज चार्जेस लगाए जाते हैं। कई ड्राइवर ट्रैफिक के कारण जाने से ही मना कर देते हैं। या सर्ज प्राइसिंग के ऊपर भी अलग किराया मांगते हैं।

SBI, PNB को कर्नाटक सरकार से राहत, लेनदेन रोकने का आदेश 15 दिन के लिए टला

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।