पाकिस्तान चुराए गए कश्मीर को वापस करें, पूरा मामला सुलझ जाएगा, लंदन में विदेश मंत्री जयशंकर की दहाड़
Jaishankar on Kashmir issue: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लंदन स्थित चथम हाउस थिंक टैंक में आयोजित एक सत्र “भारत की वृद्धि और दुनिया में भूमिका” में कश्मीर, वैश्विक अर्थव्यवस्था में डॉलर की भूमिका, अमेरिका के साथ व्यापार समझौते और चीन के साथ भारत के संबंधों पर अपनी राय रखी। इस दौरान उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के भारत में शामिल होते ही जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह से शांति आएगी
Jaishankar on Kashmir issue: जयशंकर ने पाकिस्तान को कश्मीर लौटाने का संदेश दिया है। इसके साथ ही भारत-चीन संबंधों पर जयशंकर ने साझेदारी की बात की है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लंदन में कश्मीर मामले को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनके इस बयान पाकिस्तान को मिर्ची लगना तय है। जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत से जो हिस्सा (POK) चुराया है। अब उसकी वापसी का इंतजार है। उस हिस्से के भारत में शामिल होते ही जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह शांति स्थापित हो जाएगी। उन्होंने घाटी में शांति का फॉर्मूला बताते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल करने की पूरी प्रक्रिया तीन चरणों में अपनाई गई है। बता दें कि जयशंकर ब्रिटेन के दौरे पर हैं। वे बुधवार को लंदन के चैथम हाउस थिंकटैंक में एक कार्यक्रम में अपनी बात रख रहे थे।
जयशंकर से सवाल पूछा गया था कि क्या प्रधानमंत्री मोदी कश्मीर मुद्दे का हल निकालने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल कर सकते हैं। चीन को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच अनोखा रिश्ता है।
हमने कश्मीर का मुद्दा हल किया – जयशंकर
कश्मीर के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि कश्मीर में हमने ज्यादातर समस्याओं को हल कर दिया है। मेरा मानना है कि आर्टिकल 370 को हटाना पहला कदम था। इसके बाद कश्मीर में आर्थिक गतिविधियों और सामाजिक न्याय की बहाली दूसरा कदम था। उच्च मतदान फीसदी के साथ सफलतापूर्वक चुनाव कराना तीसरा कदम था। अब हम सिर्फ उस हिस्से की वापसी का इंतजार कर रहे हैं, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है। जब वह हिस्सा भी वापस आ जाएगा, तो मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि कश्मीर की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।
भारत चीन के साथ किस तरह का रिश्ता चाहता है? इस सवाल के दवाब में जयशंकर ने कहा कि हमारे बीच बहुत ही अनोखा रिश्ता है। हम दुनिया के दो ऐसे देश हैं। जिनकी आबादी एक अरब से ज्यादा है। हम दोनों का इतिहास बहुत पुराना है, जिसमें समय के साथ उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। आज दोनों देश आगे बढ़ रहे हैं और हम सीधे पड़ोसी भी हैं। चुनौती यह है कि जैसे-जैसे कोई देश आगे बढ़ता है, दुनिया और उसके पड़ोसियों के साथ उसका संतुलन बदलता जाता है। मुख्य मुद्दा यह है कि कैसे एक स्थिर संतुलन बनाया जाए। जयशंकर ने कहा कि हम एक स्थिर संबंध चाहते हैं। जहां हमारे हितों का सम्मान किया जाए, वास्तव में हमारे रिश्ते में यही सबसे बड़ी चुनौती है।