Bundelkhand Expressway: पीएम मोदी ने किया 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन, जानें 10 बड़ी बातें
296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के निर्माण में करीब 14,850 करोड़ रुपये की लागत आई है। बाद में इसे चौड़ा करके 6 लेन का भी बनाया जा सकता है। पीएम मोदी ने फरवरी 2020 में इसका शिलान्यास किया था
पीएम मोदी ने कहा यह प्रोजेक्ट स्थानीय अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज शनिवार को उत्तर प्रदेश के जालौन में 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन कर दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, 296 किलोमीटर लंबे चार लेन वाले एक्सप्रेस-वे के निर्माण में करीब 14,850 करोड़ रुपये की लागत आई है।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से चित्रकूट से दिल्ली की दूरी तो 3-4 घंटे कम हुई ही है, लेकिन इसका लाभ इससे भी कहीं ज्यादा है। ये एक्सप्रेसवे यहां सिर्फ वाहनों को गति नहीं देगा, बल्कि ये पूरे बुंदेलखंड की औद्योगिक प्रगति को गति देगा
पीएमओ ने बताया कि एक्सप्रेस-वे का काम 28 महीनों में पूरा हुआ और अब प्रधानमंत्री उसका उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी ने फरवरी 2020 में इसका शिलान्यास किया था। इसके साथ ही चित्रकूट से इटावा तक बुंदेलखंड के सात जिले एक्सप्रेस वे के माध्यम से दिल्ली और लखनऊ से सीधे जुड़ जाएंगे।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की 10 बड़ी बातें
- PMO के अनुसार, सरकार देश में संपर्क सुविधाएं बढ़ाने को प्रतिबद्ध है और उसके तहत सड़कों को बेहतर बनाया जा रहा है। इस दिशा में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 29 फरवरी, 2020 को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए आधारशिला रखा जाना मील का पत्थर था।
- 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के निर्माण में करीब 14,850 करोड़ रुपये की लागत आई है। बाद में इसे चौड़ा करके 6 लेन का भी बनाया जा सकता है। इसका निर्माण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने किया है।
- एक्सप्रेस-वे के बगल में बांदा और जालौन जिलों में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने का काम शुरू हो चुका है। इसके लिए सलाहकार एजेंसी का चयन हो चुका है। एक्सप्रेसवे पर चार रेलवे ओवर ब्रिज, 14 दीर्घ सेतु, 6 टोल प्लाजा, सात रैम्प प्लाजा, 293 लघु सेतु, 19 फ्लाई ओवर और 224 अण्डरपास का निर्माण किया गया है।
- दिल्ली और लखनऊ से सीधे जोड़ने वाले 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के जरिए दिल्ली से चित्रकूट तक की 630 किमी की दूरी तेज गति से फर्राटा भर कर तय की जा सकेगी।
- वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे निर्माण की अनुमानित अवधि से 8 महीने पहले बनकर तैयार हो गया है। इसे 28 माह में बना लिया गया है।
- यूपी सरकार का दावा है कि इसे अनुमानित लागत से करीब 12.72 प्रतिशत कम कीमत में बना लिया गया है। इससे सरकारी खजाने को 1132 करोड़ रुपये का लाभ हुआ।
- विभिन्न एक्सप्रेस वे के जरिए दिल्ली से चित्रकूट तक की 630 किमी की दूरी को पूरा करने में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की हिस्सेदारी 296 किमी रहेगी।
- डीएनडी फ्लाईवे 9 किमी, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे 24 किमी, यमुना एक्सप्रेस वे 165 किमी और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे 135 किमी की हिस्सेदारी निभाएंगे।
- बुंदलेखंड एक्सप्रेस वे लोगों को दिल्ली सहित अन्य राज्यों से भी जोड़ेगा। इससे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा जिलों के लोग सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।
- सरकार का कहना है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे इस इलाके की कनेक्टिविटी में सुधार के साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा।
- यह एक्सप्रेस वे 4 लेन की चौड़ाई वाला है। एक्सप्रेसवे पर प्रवेश और निकासी के लिए 13 स्थानों पर इंटरचेंज सुविधा दी गई है। परियोजना के आस-पास के गांव के निवासियों को सुगम आवागमन की सुविधा के लिए सर्विस रोड का निर्माण किया गया है।