Puja Khedkar Case: पूजा खेडकर का फर्जी निकला डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट! UPSC परीक्षा पास करने के लिए की जालसाजी

Puja Khedkar Case: पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर मामले में बड़ा खुलासा है। दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पूजा ने फर्जी डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट जमा किए थे। दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में एक और स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जिसमें पूजा खेडकर के दिव्यांगता दावों फर्जी होने की आशंका जताई गई है

अपडेटेड Sep 04, 2024 पर 3:30 PM
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Puja Khedkar Case: पूर्व ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं

Puja Khedkar Case: गलत तरीके से अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) तथा दिव्यांग कोटा का लाभ हासिल करने की आरोपी चर्चित बर्खास्त IAS आधिकारी पूजा खेडकर की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया है कि 2022 और 2023 में सिविल सेवा परीक्षा के दौरान खेडकर ने जो डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट जमा किए थे वह फर्जी थे। क्राइम ब्रांच ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक और स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है। इसमें पूजा के विकलांगता के दावों फर्जी होने की आशंका जताई गई है। पूजा ने UPSC परीक्षा 2022 और 2023 के दौरान दो डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट (Disability Certificate) जमा किए थे। यह कथित तौर पर मेडिकल अथॉरिटी, अहमदनगर, महाराष्ट्र द्वारा जारी किया गया था।

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि खेडकर ने सर्टिफिकेट में अपना नाम बदल लिया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच से पता चलता है कि पूजा खेडकर द्वारा जमा किया गया डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट फर्जी हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खेडकर ने 2022 और 2024 में दो डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट (एक से अधिक विकलांगता होने का दावा) जमा किए थे।

इन दोनों डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट को कथित तौर पर महाराष्ट्र के अहमदनगर में मेडिकल अथॉरिटी ने जारी किया था। हालांकि, सत्यापन के बाद मेडिकल अथॉरिटी ने इन सर्टिफिकेट को जारी करने से इनकार करते हुए कहा कि पूजा खेडकर द्वारा दावा किए गए डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट उनके द्वारा जारी नहीं किए गए थे।


पिछले हफ्ते दिल्ली हाई कोर्ट ने खेडकर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया था। यह विस्तार 5 सितंबर को होने वाली अगली सुनवाई तक प्रभावी है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने पिछले महीने धोखाधड़ी के लिए उनके खिलाफ एक FIR दर्ज कराई थी। वह UPSC परीक्षा पास करने और IAS अधिकारी बनने के लिए कथित रूप से फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए जांच का सामना कर रही हैं।

आरोप है कि पूजा खेडकर ने आरक्षण का लाभ पाने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के अपने आवेदन में कथित तौर पर गलत जानकारी दी थी। यूपीएससी ने 31 जुलाई को खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया था।

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आयोग ने कहा है कि पिछले 15 वर्षों में खेडकर का यह एकमात्र मामला है, जिसमें वह यह पता नहीं लगा सका कि खेडकर ने एक अभ्यर्थी के लिए सीएसई परीक्षा में बैठने के लिए निर्धारित प्रयासों से ज्यादा बार UPSC की एग्जाम दी। आरोप है कि उन्होंने न सिर्फ अपना नाम बदला, बल्कि अपने माता-पिता के नाम भी बदल दिए।

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