Pune Porsche Accident: महाराष्ट्र के पुणे में एक 17 साल के नाबालिग ने शराब पीकर अपनी लग्जरी पोर्श कार से दो युवा IT इंजीनियर्स युवक-युवती को कुचल दिया। दुर्घटना इतनी गंभीर थी कि युवक और युवती की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। पुलिस का दावा है कि किशोर ने घटना के समय बंपर शराब पी रखी थी। मृतकों की पहचान अनीश अवधिया (24) और अश्विनी कोष्टा (24) के रूप में हुई है। दोनों आईटी पेशेवर मध्य प्रदेश के रहने वाले थे और पुणे में काम करते थे।
हालांकि, आरोपी किशोर को कोर्ट ने घटना पर 200 शब्दों का निबंध लिखने समेत कुछ अन्य शर्तों पर जमानत दे दी। सोशल मीडिया से लेकर न्यूज चैनलों में मामले के तूल पकड़ने के बाद दबाव में आई महाराष्ट्र सरकार ने अब पुणे पुलिस को एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद पुणे पुलिस ने आरोपी नाबालिग के पिता को इस मामले में गिरफ्तार किया है। वहीं, जिस पब में नाबालिग ने शराब पी थी, उसके मालिक और मैनेजर भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
पुलिस ने पिता को किया गिरफ्तार
17 वर्षीय लड़के के पिता को मंगलवार को छत्रपति संभाजीनगर से हिरासत में लेने के कुछ घंटे बाद गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के अनुसार, कथित तौर पर नशे की हालत में पोर्शे कार चला रहे किशोर ने 19 मई को तड़के कल्याणी नगर इलाके में मोटरसाइकिल पर सवार सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को कुचल दिया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि दुर्घटना मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने जाने-माने रियल एस्टेट कारोबारी नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल (Vishal Agarwal) को पुणे से लगभग 250 किलोमीटर दूर छत्रपति संभाजीनगर में हिरासत में लिया और शाम को शहर ले आए।
पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा, "हमने मामले में उसे गिरफ्तार कर लिया है और बुधवार को उसे अदालत में पेश किया जाएगा।" कुमार ने कहा कि होटल ब्लैक क्लब के कर्मचारियों में से एक जयेश बोनकर को भी गिरफ्तार किया गया है, जहां लड़के को शराब परोसी गई थी। इससे पहले, अलग-अलग रेस्तरां के दो मैनेजरों और एक मालिक को गिरफ्तार किया था।
अपने किशोर बेटे को लक्जरी कार चलाने की अनुमति देने के लिए उनके खिलाफ FIR दर्ज होने के तुरंत बाद पुणे का प्रमुख बिल्डर भाग गया था। पुलिस को गुमराह करने के लिए वह अपनी कार में घर से निकला और ड्राइवर से मुंबई जाने के लिए कहा। फिर उसने दूसरे ड्राइवर को अपनी दूसरी कार से गोवा जाने के लिए कहा। मुंबई के रास्ते में वह कार से उतर गया और छत्रपति संभाजीनगर की ओर जाने के लिए एक दोस्त की कार का इस्तेमाल किया। पुलिस ने कहा है कि आरोपी के पिता ने एक नए सिम कार्ड का उपयोग भी शुरू कर दिया ताकि पुलिस उसके नंबर को ट्रैक न कर सके।
जब पुलिस को जानकारी मिली कि वह अपने दोस्त की कार में है, तो उन्होंने GPS के जरिए गाड़ी को ट्रैक करना शुरू कर दिया। पुणे क्राइम ब्रांच की एक टीम ने रास्ते पर CCTV कैमरों के फुटेज का उपयोग करके उसकी पहचान की। आखिरकार, देर रात संभाजीनगर के एक लॉज में छापेमारी कर पुलिस ने रियल एस्टेट दिग्गज को गिरफ्तार कर लिया। आज उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
विशाल अग्रवाल एक प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर हैं। अग्रवाल के परिवार का कंस्ट्रक्शन के बिजनेस में एक लंबा इतिहास रहा है। उनकी कंपनी 'ब्रह्मा कॉर्प' की स्थापना नाबालिग आरोपी के परदादा ब्रह्मदत्त अग्रवाल ने की थी। कथित तौर पर विशाल अग्रवाल लगभग 40 साल पुरानी इस कंपनी के मालिक हैं, जो पुणे के वडगांव शेरी, खराड़ी और विमान नगर इलाकों में कई प्रमुख हाउसिंग प्रोजेक्ट में शामिल रही है। परिवार ब्रह्मा मल्टीस्पेस और ब्रह्मा मल्टीकॉन जैसे व्यवसायों का भी मालिक है। उनकी कंट्रक्शन कंपनी ने पुणे में पांच सितारा होटल बनाए हैं।
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, विशाल अग्रवाल के स्वामित्व वाली विभिन्न कंपनियों की कुल संपत्ति लगभग 601 करोड़ रुपये है। मनीकंट्रोल स्वतंत्र रूप से इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं कर सका। अग्रवाल पर कथित तौर पर अपने नाबालिग बेटे को गाड़ी चलाने और शराब पीने की इजाजत देने के लिए किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत आरोप हैं।
कथित तौर पर किशोर ने अपनी जमानत याचिका में शराब की लत का दावा किया था। पुलिस अपने मामले को लेकर आशावादी बनी हुई है। उसका लक्ष्य किशोर को तब तक रिमांड पर रखना है जब तक कि उस पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने के उनके आवेदन पर फैसला नहीं हो जाता।