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Rahul Gandhi Controversy: IIT और SAT की तुलना पर मिला-जुला रिस्पांस, ये है पूरा मामला

Rahul Gandhi sparks controversy: "अपने यहां के आईआईटी (IIT) की तरह अमेरिका में एसएटी (SAT) एग्जाम होता है। इस एग्जाम के पेपर को पहले श्वेत लोग बनाते थे और इसमें अश्वेत लोग फेल हो जाते थे लेकिन जब अश्वेतों को पेपर सेट करने का मौका दिया गया तो श्वेत लोग फेल होने लगे।" राहुल गांधी के इस बयान का वीडियो वायरल हो गया है

अपडेटेड May 07, 2024 पर 11:07 AM
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राहुल गांधी का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें वह लैटिन अमेरिकी कहानी का उदाहरण देते हुए व्यक्तियों के एक समूह को मेरिट, आरक्षण और सकारात्मक कार्रवाई की अवधारणाओं को समझा रहे हैं।

Rahul Gandhi sparks controversy: "अपने यहां के आईआईटी (IIT) की तरह अमेरिका में एसएटी (SAT) एग्जाम होता है। इस एग्जाम के पेपर को पहले श्वेत लोग बनाते थे और इसमें अश्वेत लोग फेल हो जाते थे लेकिन जब अश्वेतों को पेपर सेट करने का मौका दिया गया तो श्वेत लोग फेल होने लगे।" राहुल गांधी के इस बयान का वीडियो वायरल हो गया है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में राहुल गांधी व्यक्तियों के एक समूह से यह कहते हुए दिख रहे हैं कि जब काले लोगों ने प्रश्न पत्र तैयार करना शुरू किया तो गोरे लोग SAT परीक्षा में असफल हो गए। एसएटी (स्कूलस्टिक एसेसमेंट टेस्ट) अमेरिका में कॉलेज एडमिशन के लिए होने वाला स्टैंडर्डाइज्ड टेस्ट है।

Rahul Gandhi ने किस संदर्भ में किया जिक्र

राहुल गांधी का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें वह लैटिन अमेरिकी कहानी का उदाहरण देते हुए व्यक्तियों के एक समूह को मेरिट, आरक्षण और सकारात्मक कार्रवाई की अवधारणाओं को समझा रहे हैं। राहुल ने कहा कि किसी परीक्षा में सफलता इस बात से प्रभावित होती है कि मानक तय करने का अधिकार किसके पास है। इसके बाद उन्होंने आगे कहा कि अगर आपको लगता है कि ऊपरी जाति वाले पेपर सेट कर रहे हैं जिसके चलते दलित फेल हो रहे हैं तो ऐसे में आइए भूमिकाओं को बदल देते हैं और दलितों को एग्जाम पेपर बनाने देते हैं और उनके बनाए पेपर पर एग्जाम देने के लिए ऊपरी जाति को चुनौती देते हैं।


वीडियो पर आ रहा मिला-जुला रिएक्शन

राहुल गांधी के इस वीडियो पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ यूजर्स उनकी इस बात के लिए प्रशंसा कर रहे हैं कि उन्होंने सकारात्मक कदमों के जरिए मेरिट की अवधारणा को स्पष्ट किया। वहीं कुछ यूजर्स ने उनकी इस बात के लिए आलोचना की कि उन्होंने ऐसे जटिल विषय को समझाने के लिए इतना आसान बना दिया यानी कि मामले को हल्का कर दिया। सबसे अधिक आलोचना उनकी इस बात को लेकर हो रही है कि उन्होंने लोगों को बांटने के लिए कहानियां गढ़ी हैं। X (पूर्व नाम Twitter) पर एक यूजर ने लिखा है कि एसएटी परीक्षा और अश्वेतों को लेकर उनकी कहानी पूरी तरह से मनगढ़ंत हैं। यूजर ने निशाना साधते हुआ कहा कि राहुल गांधी आईआईटी को भी नष्ट करना चाहते हैं। मतदान करें अन्यथा वह देश के सर्वोत्तम संस्थानों को नष्ट कर देंगे।

एक यूजर ने लिखा है कि राहुल गांधी को अमेरिका में यह कहानी किसने सुनाई कि अश्वेतों ने पेपर सेट किया तो श्वेत फेल हो गए? यूजर ने आगे लिखा कि वास्तव में एसएटी में को ऑफिशियल पास या फेल नहीं होता है। और वैसे भी कोई एसएटी की तुलना जेईई या आईआईटी से कैसे कर सकता है? इस प्रकार की झूठी कहानियां और सपने एडुकेशन सिस्टम को बर्बाद कर देंगे।

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