राजस्थान के दौसा जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खेड़ली में नाग-नागिन के जोड़े के अचानक दिखने से अफरा-तफरी मच गई। । तीन फीट लंबे सांप को स्कूल के स्टोर में देखकर छात्र-छात्राओं और स्टाफ में दहशत फैल गई। आसपास के ग्रामीण भी मौके पर इकट्ठा हो गए। स्कूल की प्रधानाध्यापिका रेणु शर्मा ने तुरंत दौसा सिविल लाइन स्थित सपेरा बस्ती से सपेरे को बुलाया। जिसने 6 घंटे की कड़ी मशक्कत और बीन बजाने के बाद कोबरा को रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगल में छोड़ा। इसके बाद जाकर स्कूल स्टाफ और छात्र-छात्राओं ने राहत की सांस ली।
दौसा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खेड़ली में सांप को देखकर लोग थर-थर कांपने लगे। स्कूल में सांप सूचना पूरे गांव में आग की तरफ फैल गई। लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। हर कोई नाग-नागिन के जोड़े को देखना चाहता था। लेकिन नजदीक जाने की किसी की हिम्मत नहीं हो रही थी।
स्कूल के स्टोर रूम में निकले सांप
मामला तब सामने आया जब खेड़ली गांव के सरकारी स्कूल के स्टाफ ने सुबह स्टोर रूम का दरवाजा खोला और अंदर सांप देखा। घबराए कर्मचारियों ने तुरंत सपेरे सुबेश नाथ को बुलाया। सपेरे ने मौके पर पहुंचकर बीन बजाई और सुबह 11 बजे के करीब 3 फीट लंबे कोबरा सांप को पकड़ लिया। हालांकि, स्टोर में रेस्क्यू के दौरान एक 6 फीट लंबी केंचुली भी मिली, जिससे अंदाजा हुआ कि वहां एक और बड़ा सांप छिपा हो सकता है।
नागिन को पकड़ने में लगा 6 घंटे का समय
दूसरे सांप को पकड़ने में सपेरे को काफी मशक्कत करनी पड़ी। पहली रेस्क्यू के बाद, सपेरा लगातार 6 घंटे तक बीन बजाता रहा। आखिरकार शाम 4 बजे दूसरा सांप बाहर निकला, जो नागिन थी। सपेरे ने बताया कि दोनों सांप ब्लैक कोबरा प्रजाति के थे और यह जोड़ा साथ में रह रहा था। सुबह पकड़ा गया सांप नाग था, जबकि शाम को पकड़ी गई नागिन।
रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद राहत
सपेरे ने दोनों सांपों को सुरक्षित तरीके से प्लास्टिक बॉक्स में बंद कर लिया और उन्हें स्कूल से दूर ले गया। इस घटना के बाद स्कूल के स्टाफ और छात्रों ने राहत की सांस ली। इस दौरान स्थानीय ग्रामीणों की भीड़ स्कूल में जमा रही, जो रेस्क्यू ऑपरेशन को उत्सुकता से देख रही थी। इस पूरी घटना ने इलाके में चर्चा का विषय बना दिया और स्कूल प्रशासन ने इसके बाद से सुरक्षा के विशेष इंतजाम करने का निर्णय लिया।