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राजस्थान में यहां है कुत्ते का मंदिर, मालिक को बचाने के लिए डकैतों से भिड़ गया, लोग करते हैं पूजा अर्चना, बड़ी ही रोचक है कहानी

जयपुर ग्रामीण के सांभर शहर से 7 किलोमीटर दूर सांभर झील किनारे कुत्ते का मंदिर बना है, जहां बड़ी संख्या में भक्त मन्नत लेकर आते हैं। चबूतरे नुमा बने इस मंदिर पर प्रतीकात्मक कुत्ते की मूर्ति को सिंदूर और चमकदार पनी से सुंदर तरीके से सजाया गया है। बगल में ही महाराज पीथा बाबा का मंदिर भी स्थित है

अपडेटेड Oct 22, 2024 पर 10:11 PM
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राजस्थान में यहां है कुत्ते का मंदिर, मालिक को बचाने के लिए डकैतों से भिड़ गया

राजस्थान में अनेकों देवताओं की पूजा अर्चना होती है, यहां पर रामदेव जी, तेजाजी और पाबूजी महाराज जैसे अनेकों लोक देवता हुए, जिन्होंने मानव समाज के लिए कई अच्छे काम किया, जिस कारण आज उन्हें लोग देवता मानकर उनकी पूजा करते हैं, लेकिन जयपुर ग्रामीण में एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां पर भगवान के रूप में कुत्ते की पूजा होती है। इतना ही नहीं भक्त यहां पर आकर मन्नत भी मांगते हैं। इससे भी ज्यादा खास बात यह है कि इस मंदिर में पूजा अर्चना और देखरेख एक महिला पुजारीन करती है।

जयपुर ग्रामीण के सांभर शहर से 7 किलोमीटर दूर सांभर झील किनारे कुत्ते का मंदिर बना है, जहां बड़ी संख्या में भक्त मन्नत लेकर आते हैं। चबूतरे नुमा बने इस मंदिर पर प्रतीकात्मक कुत्ते की मूर्ति को सिंदूर और चमकदार पनी से सुंदर तरीके से सजाया गया है। बगल में ही महाराज पीथा बाबा का मंदिर भी स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि पीथा बाबा महाराज के दर्शन के लिए जो भक्त आते हैं, वह कुत्ते के मंदिर पर जरूर माथा टेकते हैं।

कुत्ते ने किया था डकैतों का सामना


मंदिर की पुजारीन संतोष देवी ने बताया कि 200 साल पहले सेवा गांव के रहने वाले संत पीथा राम अपनी शादी के सामान खरीदने के लिए सांभर की मंडी आए थे। उनके साथ उनका कुत्ता व उनका धर्म भाई, जो एक मुस्लिम समाज का था, वह भी सांभर आया था।

पीथाराम शादी का सामान खरीद कर अपनी बैलगाड़ी से वापस अपने गांव जा रहे थे, इस दौरान उनका मुस्लिम दोस्त वहीं रुक गया। इसके बाद करीब 7 किलोमीटर आगे चल कर झील के किनारे डकैतों ने उन पर हमला कर दिया और सारा सामान लूट लिया।

इस लड़ाई में पीथा राम और उनके कुत्ते ने सभी डकैतों को मार दिया, लेकिन एक डकैत ने घात लगाकर उन पर पीछे से हमला कर दिया और उनकी गर्दन काट दी। उसके बाद उस कुत्ते ने भी हमलावर को मार दिया। अब वह कुत्ता पीथा राम को उठाने की कोशिश करने लगा, लेकिन वह नहीं उठे।

कुछ देर वो कुत्ता वहां बैठा रहा।उसके बाद उस कुत्ते ने पीथा राम के सिर पर बंधा साफा, जो खून से भीग गया था, उसे लेकर सेवा गांव में उनके परिवार वालों के पास पहुंच गया।

स्वामी भक्ति के प्रतीक के रूप में बनाया मंदिर

गांव वालों ने देखा कि पीथा राम का साफा खून से सना है, तो वह समझ गए कि कुछ अनहोनी हो गई है। सभी परिवार वाले कुत्ते के साथ-साथ उसी जगह आ गए, जहां पीथा राम की गर्दन कटी हुई थी और सभी डकैत भी बेसुध होकर पड़े थे।

इसके कुछ समय बाद ही कुत्ते ने भी दम तोड़ दिया। सभी लोगों ने उस जगह को पवित्र मानते हुए ओर स्वामी भक्ति के प्रतीक में उस जगह पर कुत्ते का मंदिर बनवाया और बगल में पीथा बाबा महाराज का मंदिर। आज भी कुत्ते के मंदिर पर रखी मूर्ति की पूजा होती है और दूर-दराज से भक्त यहां मन्नत लेकर आते हैं।

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