Ram Lalla Surya Tilak: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद यहां देशभर से हर दिन भक्तों की भीड़ जुट रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2024 को अयोध्या राममंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की गई थी। रामलाल की मूर्ति स्थापित होने के बाद पहली बार रामनवमी पड़ रही है। इस मौके पर सूर्य तिलक की तैयारी की गई है। इसके लिए वैज्ञानिकों की टीम लगाई गई है। सूर्य की किरणें करीब 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाएंगे। इसका वैज्ञानिकों की ओर से परीक्षण भी किया गया है। यह प्रयोग पूरी तरह से सफल रहा।
वैज्ञानिकों ने सफल परीक्षण के बाद यह स्पष्ट कर दिया कि भगवान रामलला का तिलक सूर्यदेव इस बार ही रामनवमी के मौके पर करेंगे। पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि मंदिर पूर्ण होने के बाद ही यह प्रयोग सफल हो सकेगा, लेकिन वैज्ञानिकों ने सूर्य की किरण को प्रभु रामलला के मस्तक तक सफलतापूर्वक पहुंचा दिया।
रामनवमी के दिन राम मंदिर में दिखेगा भव्य नजारा
धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान राम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। इसलिए इस दिन हर साल रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है। लेकिन राभक्तों के लिए इस साल रामनवमी का पर्व बेहद खास होने वाला है। इसकी वजह ये है कि करीब 500 सालों के लंबे इंतजार के बाद प्रभु राम अपनी जन्मभूमि में बने भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। इसलिए रामनवमी के दिन इस बार अयोध्या राम मंदिर में भव्य नराजा देखने को मिलेगा। राम नवमी के दिन यानी 17 अप्रैल 2024 को सूर्यदेव रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाएंगे। राम जन्मोत्सव के मौके पर करीब 4 मिनट तक सूर्यदेव रामलला का तिलक करेंगे। सूर्य अभिषेक के सफल परीक्षण का वीडियो भी अब सामने आया है। जिसे देखने के बाद भक्त बेहद खुश नजर आ रहे हैं।
ऐसे किया जाएगा सूर्य तिलक
मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थापित किए जाने वाले ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम में हाई क्वालिटी मिरर, एक लेंस और खास कोणों पर लगे लेंस के साथ वर्टिकल पाइपिंग लगाए गए हैं। मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर दो मिरर और एक लेंस फिट किए जा चुके हैं। तीसरे फ्लोर पर जरूरी उपकरण लगाए जा रहे हैं। सूर्य की रोशनी तीसरे फ्लोर पर लगे पहले दर्पण पर गिरेगी और तीन लेंस और दो अन्य मिरर से होते हुए सीधे ग्राउंड फ्लोर पर लगे आखिरी मिरर पर पड़ेगी। इससे रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य किरणों का एक तिलक लग जाएगा। यह दो से तीन मिनट तक रामलला के माथे पर रहेगा।