Credit Cards

Sarojini Naidu: देश की पहली महिला राज्यपाल के जन्मदिन पर क्यों मनाया जाता है National Women's Day?

Sarojini Naidu: सरोजिनी नायडू भारत की पहली महिला राज्यपाल और स्वतंत्रता सेनानी थीं। उन्हें 'भारत की कोकिला' भी कहा जाता है। उन्होंने आजादी और महिलाओं के अधिकारों के लिए अहम भूमिका निभाई थी। उनकी जयंती 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाई जाती है। उनकी जयंती पर आइए जानते हैं उनके बारे में

अपडेटेड Feb 13, 2025 पर 9:27 AM
Story continues below Advertisement
Sarojini Naidu: भारत में हर साल 13 फरवरी को सरोजिनी नायडू के जन्मदिन को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है

Sarojini Naidu: देश की पहली महिला राज्यपाल और स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू का भारतीय इतिहास में खास योगदान रहा है। सरोजिनी नायडू को भारत की कोकिला भी कहा जाता है। उन्होंने देश की आजादी और महिलाओं के अधिकारों के लिए अहम भूमिका निभाई थी। राजनीति में भी उन्होंने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। भारत में हर साल 13 फरवरी को सरोजिनी नायडू के जन्मदिन को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है।

सरोजिनी नायडू भारत के उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल बनीं थी। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा और राजनीति में भागीदारी को बढ़ावा भी दिया। उनकी कविताएं और भाषण दोनों ही लोगों को आज भी प्रभावित करते है।

कब हुआ था जन्म


सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को हैदराबाद में हुआ था। उनके पिता वैज्ञानिक थे और उनकी मां बांग्ला में कविताएं लिखती थीं, जिनसे उन्हें साहित्य का प्रेम मिला। बचपन से ही सरोजिनी नायडू को कविता लिखने का शौक था। उन्होंने कम उम्र में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था। जिससे उन्हें काफी पहचान मिली और वे 'भारत कोकिला' कहलाने लगीं। उनकी रचनाओं में देश की संस्कृति, देशभक्ति और लोगों के संघर्ष की झलक मिलती है। इसके अलावा स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और कई बार जेल भी गईं, लेकिन अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटीं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत की आजादी की आवाज बुलंद की और अपने प्रभावशाली भाषणों से सबको प्रेरित किया।

सरोजिनी नायडू 5 प्रेरणादायक विचार

  1. "हमें अपने इरादों में ईमानदारी, बातों में साहस और काम में सच्ची निष्ठा रखनी चाहिए।"
  2.  "जहां अन्याय हो, वहां चुप रहना ठीक नहीं। हमें डटकर कहना चाहिए कि यह अब नहीं चलेगा, क्योंकि न्याय हमारा अधिकार है। जो मजबूत हैं, उन्हें कमजोरों की मदद करनी चाहिए, चाहे खेल में हो या जीवन में।"
  3. "एक देश की महानता उसके लोगों, खासकर महिलाओं की स्थिति से आंकी जाती है।"
  4. "जीवन एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो। लाइफ एक सपना है, इसे पूरा करो। जीवन एक बलिदान है, इसे समर्पित करो।"
  5. "जब तक तुमने दुखों और संघर्षों का सामना नहीं किया, जब तक तुम्हारे सपने टूटे नहीं, तब तक तुमने असली जिंदगी नहीं जी। यही जीवन का सच है।"

महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर

राष्ट्रीय महिला दिवस सरोजिनी नायडू के योगदान को याद करने के साथ-साथ महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी जोर देता है। यह दिन याद दिलाता है कि शिक्षा, नौकरी और राजनीति में महिलाओं को समान मौके मिलना जरूरी है। देशभर में महिलाओं ने कई चुनौतियों को पार कर अपनी काबिलियत साबित की है, जिससे यह साफ होता है कि मेहनत और हुनर किसी भी भेदभाव से बढ़कर होते हैं।

Gold Rate Today: लगातार तीसरे दिन गिरा सोना, 750 रुपये हुआ सस्ता, आगे और गिरेगा गोल्ड

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।