Stress: डायबिटीज के मरीजों के लिए हेल्दी ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखना बेहद जरूरी है। अगर इसे कंट्रोल नहीं किया जाए तो कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। कई बार लोग आमतौर पर अपने ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) को ध्यान में रखकर फूड्स की लिस्ट बनाते हैं। लेकिन डाइट की वजह से ही डायबिटीज नहीं बढ़ती है। कुछ सामान्य आदतें अनजाने में ही आपके ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकती हैं। इसमें आपकी लाइफस्टाइल, खाने का तरीका, आपके भोजन का समय और आपके मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) का भी ब्लड शुगर लेवल पर असर पड़ता है। इसमें तनाव यानी स्ट्रेस (Stress) से डायबिटीज और बीपी का खतरा बढ़ सकता है।
वैसे भी तनाव अगर कुछ समय के लिए रहे तो उससे ज्यादा नुकसान नहीं है। अगर तनाव लंबे समय तक रहे तो यह मेंटल हेल्थ के साथ साथ शारीरिक हेल्थ को भी गहरा नुकसान पहुंचा सकता है। जब हम तनाव की मुद्रा में होते हैं तो तनाव वाले हार्मोन रिलीज होने लगते हैं। जिससे इंसुलिन का स्तर गिर जाता है। इस बदलाव से ब्लड शुगर बढ़ने लगती है।
तनाव और डायबिटीज का संबंध
तनाव चाहे भावनात्मक हो या फिर शारीरिक दोनों तरह से नुकसानदेह हो सकता है। भावनात्मक तनाव को हम गुस्सा, घबराहट डर, उत्साह के रूप में महसूस करते हैं। वही दूसरी तरफ शारीरिक तनाव में किसी प्रकार की बीमारी, दर्द या फिर चोट हो सकती है। तनाव की वजह से कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। जिससे इंसुलिन का स्तर गिरने लगता है। इस दौरान शरीर को ऊर्जा की जरूरत पड़ती । लिहाजा तनाव के दौरान एड्रिनल ग्रंथि में ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है। जिससे ऊर्जा की जरूरत पूरी होती है। हाई ब्लड शुगर लेवल लगातार बने से शारीरिक क्रियाओं में भी कई तरह की रुकावट पैदा होता है। इसके साथ ही ब्लड वेसल्स भी खराब हो जाती हैं।
तनाव के शिकार लोगों को ज्यादा भूख लग सकती है या कभी-कभी कम भूख भी लग सकती है। खानपान और लाइफस्टाइल का यह असंतुलन डायबिटीज मरीजों के लिए बेहतर नहीं है। बहुत से लोग हैं जो दफ्तर के काम का तनाव झेलते हैं। ऐसे में उनकी लाइफस्टाइल और खानपान और दवाइयों पर खास तौर से ध्यान देने के बाद भी ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।
हर किसी के पास तनाव को मात देने के अलग-अलग तरीके होते हैं। पार्क, गार्डन या किसी हरी-भरी जगह टहलने से आपका मन शांत हो सकता है। डांस एक बेहतरीन एक्सरसाइज है। जिससे तनाव को दूर किया जा सकता है। योग, प्राणायाम, ध्यान करें, संगीत सुनें, किताबें पढ़ें, फिल्म देखें, दोस्तों से बात करें, परिवार के साथ बेहतर समय गुजारें। कैफीन, शराब, धूम्रपान से दूर रहे। पर्याप्त मात्रा में नींद लेने की कोशिश करें।