कोटा में इस साल बढ़े आत्महत्या के मामले, अभी तक 20 स्टूडेंट्स ने किया सुसाइड

कोटा में इस साल आत्महत्या के मामले बढ़कर 20 हो गए हैं। ताजा मामले में बीते गुरुवार 10 अगस्त को 17 साल के इंजीनियरिंग छात्र के आत्महत्या की खबर सामने आई है। इस महीने प्रतियोगी परीक्षाओं, ज्यादातर जेईई और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) की तैयारी कर रहे छात्रों के बीच आत्महत्या का यह तीसरा मामला है

अपडेटेड Aug 13, 2023 पर 12:44 PM
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कोटा में इस साल आत्महत्या के मामले बढ़कर 20 हो गए हैं। ताजा मामले में बीते गुरुवार 10 अगस्त को 17 साल के इंजीनियरिंग छात्र के आत्महत्या की खबर सामने आई है

राजस्थान का कोटा शहर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए काफी फेमस है। हालांकि इस शहर से छात्रों के आत्महत्याओं के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। कोटा में इस साल आत्महत्या के मामले बढ़कर 20 हो गए हैं। ताजा मामले में बीते गुरुवार 10 अगस्त को 17 साल के इंजीनियरिंग छात्र के आत्महत्या की खबर सामने आई है। इस महीने प्रतियोगी परीक्षाओं, ज्यादातर जेईई और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) की तैयारी कर रहे छात्रों के बीच आत्महत्या का यह तीसरा मामला है।

कोटा में हर महीने तीन आत्महत्या

मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक कोटा में हर महीने एवरेज तैर पर तीन छात्रों द्वारा आत्महत्या किए जाने की खबरें सामने आती रहती हैं। आंकड़ों से यह भी पता चला है कि इस साल अब तक 20 छात्रों की आत्महत्या से मौत हो चुकी है। सुसाइड केस की ताजा घटना में 17 साल का एक छात्र बिहार का रहने वाला था। वह छह महीने पहले ही कोटा आया था और महावीर नगर स्थित एक छात्रावास में रह रहा था। जवाहर नगर पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर शिवराज सिंह के अनुसार, अपने पिता के जाने के बाद छात्र ने आत्मघाती कदम उठाया। उनके पिता पिछले तीन दिनों से उनके साथ ही रह रहे थे।

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पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव

शुरुआती जांच में SHO को आत्महत्या की बात सामने नहीं आई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया है। इसी तरह की एक घटना में, 3 अगस्त को उत्तर प्रदेश के एक NEET अभ्यर्थी की विज्ञान नगर में कथित तौर पर आत्महत्या से मृत्यु हो गई। जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार, कोटा भारत में कॉम्पटीशन की तैयारी कराने वाली कोचिंगों का हब है, जिसकी सालाना वैल्यू 5,000 करोड़ रुपये है। जिला प्रशासन से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल 15, 2019 में 18, 2018 में 20, 2017 में 7, 2016 में 17 और 2015 में 18 छात्रों की आत्महत्या से मौत हुई।

छात्रों की होगी काउंसलिंग

कोटा जिला प्रशासन ने कहा कि वह कोचिंग छात्रों द्वारा आत्महत्या के बढ़ते मामलों की जांच करने के लिए हर पखवाड़े कोचिंग छात्रों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण करेगा। परीक्षण से छात्रों में आत्महत्या की प्रवृत्ति का पता लगाने में मदद मिलेगी ताकि उन्हें समय पर परामर्श किया जा सके। इस साल 22 जून को, राज्य पुलिस विभाग ने एक छात्र प्रकोष्ठ की स्थापना की, जिसमें नियमित रूप से काम करने के लिए एक एडीशन एसपी, तीन इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर महिला पुलिसकर्मी सहित छह कांस्टेबल शामिल थे।

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