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सुपरटेक के नोएडा स्थित ट्विन टावर को ध्वस्त करेगी मुंबई की ये कंपनी, फ्लैट बायर्स को 12% ब्याज के साथ वापस मिलेगा पैसा

टावर गिराने का कार्य इस क्षेत्र की विशेषज्ञ कंपनी एडिफाइस इंजीनियरिग द्वारा किया जाएगा

अपडेटेड Jan 17, 2022 पर 3:49 PM
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सुपरटेक ने नोएडा प्राधिकरण से प्रदूषण एवं पर्यावरण संबंधी अनुमति मांगी है

Supertech Twin Towers: नोएडा के सेक्टर-93 में स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दो अवैध टावरों को गिराने के लिए रियल्टी डेवलपर सुपरटेक ने मुंबई की एक कंपनी का चयन किया है। कंपनी ने नोएडा प्राधिकरण से प्रदूषण एवं पर्यावरण संबंधी अनुमति मांगी है। यह जानकारी सुपरटेक के प्रबंध निदेशक आरके अरोड़ा ने दी।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्‍थान (सीबीआरआई) एवं नोएडा प्राधिकरण की देखरेख में टावर गिराने का कार्य इस क्षेत्र की विशेषज्ञ कंपनी एडिफाइस इंजीनियरिग (Edifice Engineering) द्वारा किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में बिल्डर को 17 जनवरी तक किसी कंपनी से करार कर जवाब देने के लिए कहा था। साथ ही, फ्लैट बायर्स के रुपये वापस करने क कहा था।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक रिपोर्ट में कहा कि सुपरटेक के बयान के मुताबिक, जिस कंपनी को चयनित किया गया है वह दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में 108 मीटर ऊंची इमारत को ध्वस्त कर चुकी है। इस इमारत की दूसरी इमारत से दूरी आठ मीटर थी जोकि काफी पेचीदा काम था। यहां भी ऐसी ही स्थिति है। सियान और एपेक्स दोनों टावरों की ऊंचाई 100 मीटर है और अन्य टावर से दूरी नौ मीटर है।


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नोएडा प्राधिकरण के विश्लेषण के अनुसार, फर्म सुरक्षित रूप से विध्वंस करने के लिए तकनीकी रूप से मजबूत है। जिन लोगों ने सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में निवेश किया था और घर खरीदा था, वे सोमवार 17 जनवरी यानी आज तक 12 फीसदी ब्याज के साथ पूरा रिफंड पाने के पात्र हैं। रियल्टी फर्म ने पहले शीर्ष अदालत के आदेश का पालन नहीं किया था, जिसके बाद उसे गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी मिली थी।

सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी कुछ घर खरीदारों द्वारा दायर ​​​​याचिकाओं के बाद आई थी। घर खरीदारों ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट को बताया कि पिछले साल 31 अगस्त के आदेश के बाद, सुपरटेक लिमिटेड ने उन्हें एक ईमेल भेजा है और उनसे पैसे लेने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि जब हम वहां जाते हैं तो वे कहते हैं कि वे अब पूरे पैसे का भुगतान नहीं करेंगे, लेकिन वे किश्तों में भुगतान करेंगे और घर खरीदारों के हस्ताक्षर चाहते हैं कि वे उनके खिलाफ अदालत में नहीं जाएंगे।

दूसरी समस्या यह है कि वे भुगतान की जाने वाली राशि का कम मूल्यांकन कर रहे हैं। निवेशकों ने पीटीआई को बताया कि शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया है कि घर खरीदारों की पूरी राशि बुकिंग के समय से 12 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस की जाए।

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