देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कोलेजियम व्यवस्था के तहत शीर्ष अदालत में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के लिए दिल्ली, राजस्थान और गुवाहाटी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम केंद्र सरकार के पास भेजे हैं। सुप्रीम कोर्ट में बतौर न्यायाधीश नियुक्ति के लिए प्रस्तावित तीन जजों के नाम सतीश चंद्र शर्मा, ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और संदीप मेहता हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के पास भेजे गए अपने इस प्रस्ताव में तीनों जजों को नियुक्ति के लिए वजह भी बताई है।
क्या कहा गया है प्रस्ताव में
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव के मुताबिक दिल्ली हाई कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की तरफ से लिए गए फैसले, कानून की अलग अलग शाखाओं से जुड़े हुए हैं और उनके कानूनी कौशल की क्षमता की गवाही देते हैं। वहीं जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह के बारे में कोलेजियम का कहना है कि उन्हें संवैधानिक, सेवा, श्रम और नागरिक मामलों में विशेषज्ञता हासिल है। प्रस्ताव के मुताबिक न्यायमूर्ति जॉर्ज मसीह की सीनियरटी भारतीय न्यायाधीशों की लिस्ट में सातवें नंबर पर है। इसके साथ ही वे अल्पसंख्यक समुदाय से भी आते हैं। वहीं न्यायमूर्ति संदीप मेहता के बारे में प्रस्ताव में कहा गया है कि वे गुवाहाटी उच्च न्यायालय से हैं और इस बात पर जोर दिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट में उनके न्यायालय का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि उनके पास अदालतों में एक लंबा न्यायिक अनुभव है।
सुप्रीम कोर्ट में खाली है तीन जजों की जगह
पिछले 4 महीनों में जस्टिस रवींद्र भट, कृष्ण मुरारी और रामसुब्रमण्यम के रिटायरमेंट के बाद सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल तीन जजों की जगह खाली है। अगर सरकार इन सिफारिशों को मंजूरी दे देती है तो सुप्रीम कोर्ट में एक कंपलीट बेंच होगी। इससे पहले जुलाई 2023 में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और वेंकटनारायण भट्टी का प्रमोशन किया गया था। चूंकि सतीश चंद्र शर्मा 30 नवंबर को दिल्ली HC से सेवानिवृत्त होने वाले हैं, इसलिए सरकार को तब तक प्रस्ताव पर जवाब देना होगा।