Rajasthan Election 2023: राजस्थान के तीतर सिंह (Titar Singh) पिछले 40 सालों से लगभग हर चुनाव लड़ रहे हैं। वह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (MNREGA) के तहत पंजीकृत मजदूर हैं। 70 वर्षीय तीतर सिंह 1980 के बाद से लगभग हर चुनाव में खड़े हुए हैं और कुल मिलाकर अबतक 30 से अधिक बार चुनाव हार चुका हैं। इसमें लोकसभा, विधानसभा से लेकर पंचायत चुनाव तक शामिल है। हालांकि इतने हार के बावजूद उनके अंदर का जज्बा अभी खत्म नहीं हुआ है और इस विधानसभा चुनाव में भी वह राज्य करणपुर विधानसभा सीट से बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गजों को चुनौती देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीतर सिंह के पास कोई प्रॉपर्टी नहीं है। उन्हें कोई पार्टी टिकट भी नहीं देती है, लेकिन इसके बावजूद वह हर चुनाव में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार खड़े होते हैं।
तीतर सिंह ने 2019 में न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, "मैं सभी चुनाव हार गया हूं लेकिन मैंने अपनी उम्मीदें बरकरार रखी हैं।" तीतर सिंह के मुताबिक, किसी भी सरकार ने उनकी और उनके परिवार की मदद नहीं की।
उन्होंने News18 को बताया, “मैंने पहली बार 1983 में चुनाव लड़ा था क्योंकि किसी भी सरकार ने मेरे परिवार की देखभाल नहीं की थी। उन्होंने हमें खेती के लिए जमीन नहीं दी। मैंने जीवन भर एक मजदूर के रूप में काम करके गुजारा किया है।" उन्होंने कहा, "मैं स्थानीय लोगों से चंदे लेकर चुनाव लड़ता हूं।" तीतर सिंह अपने दोस्तों के साथ मिलकर घर-घर जाकर प्रचार करते हैं।
तीतर सिंह कथित तौर पर गिनीज बुक में सबसे अधिक चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड दर्ज कराने का सपना पाले हुए है। सिंह ने कहा कि वह पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों को वोट दे चुके हैं, लेकिन दोनों ही पार्टियों ने उनके इलाके में विकास के लिए कुछ नहीं किया। तीतर सिंह के सामने इस चुनाव में बीजेपी के सुरेंद्र पाल सिंह और कांग्रेस गुरमीत सिंह कूनर उम्मीदवार हैं।
तीतर सिंह को 2014 के विधानसभा चुनाव 427 वोट और 2018 के विधानसभा चुनाव में 653 वोट मिले थे। न्यूज18 के मुताबिक, 2014 के लोकसभा चुनाव में सिंह को 3,924 वोट मिले थे और उनकी जमानत जब्त हुई थी। वहीं डीएनए की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में लोगों ने चंदा जुटाकर उन्हें नामांकन करने के लिए 5,000 रुपये दिए थे।
राजस्थान के 200 सदस्यों वाले विधानसभा में कांग्रेस को 2018 में 99 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं बीजेपी 73 सीटों पर सिमट गई थी। बीएसपी पार्टी और कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन से राज्य में अशोक गहलोत की अगुआई में कांग्रेस की सरकार बनी थी। राजस्थान में इस बार 25 नवंबर को मतदान होगा और 3 दिसंबर को मतगणना होगी।