Upcoming Expressways in India: ये हैं देश के टॉप 11 एक्सप्रेसवे, इसी साल हो सकते हैं शुरू, सफर हो जाएगा सुहाना
Upcoming Expressways in India: हाईवे और एक्सप्रेस-वे के होने से ही मीलों की दूरी को बेहद कम समय में तय कर लिया जाता है। देश में पिछले कुछ सालों से तेजी से हाईवे और एक्सप्रेसवे बनाए गए हैं। हम आपको कुछ एक्सप्रेसवे की लिस्ट दे रहे हैं। जिनका इसी साल यानी साल 2023 में उद्घाटन होना है। ये ऐसे एक्सप्रेसवे हैं, जिनसे बड़े से बड़े शहरों की दूरी काफी कम हो जाएगी
Upcoming Expressways in India: हाईवे 2 से 4 लेन की चौड़ी सड़क होती है, जबकि एक्सप्रेस-वे में 6 से 8 लेन होती हैं।
Upcoming Expressways in India: आज कल की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में सड़कों की अहमियत काफी बढ़ गई है। शायद यही वजह है कि पिछले कुछ सालों से देश में तेजी से एक्सप्रेसवे और हाईवे बनाए जाते हैं। भारत के सड़क परिवहन मंत्रालय ने तो शायद भारतीय सड़कों और हाईवे की तस्वीर बदलने की ही बीड़ा उठा लिया है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि भारत का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर साल 2024 तक अमेरिकी स्टैंडर्ड्स के बराबर हो जाएगा। यह बयान बेहद अहम है। इसे पूरा करने के लिए काफी काम करना होगा। वैसे भी आवागमन को आसान बनाने के लिए सड़कों का अहम रोल होता है।
अब किसी को भी कहीं भी जानें के लिए उतना समय नहीं लगता। जितना पहले के जमाने में लगता था। सड़क शब्द के मन में आते ही दो शब्द जहन में और आते हैं- हाईवे और एक्सप्रेस -वे। हाईवे और एक्सप्रेस-वे के होने से ही मीलों की दूरी को बेहद कम समय में तय कर लिया जाता है। ऐसे में हमें सबसे पहले जानने की जरूरत है कि आखिर हाईवे और एक्सप्रेसवे में क्या अंतर है। इसके बाद हम आपको बताएंगे। देश को इस सास कितने एक्सप्रेसवे मिलने वाले हैं।
हाईवे और एक्सप्रेसवे में क्या है अंतर?
बहुत से लोग हाईवे और एक्सप्रेसवे में अंतर नहीं जानते हैं, लेकिन परेशान होने की जरूरत नहीं है। हाईवे और एक्प्रेस-वे दो ऐसे नाम है, जिन्होंने मीलों की दूरी को घंटों में बदल दिया है। हाईवे और एक्सप्रेस-वे दोनों होती तो सड़कें हैं, लेकिन एक दूसरे से बिलकुल अलग है। देश में बहुत से एक्सप्रेस-वे पर काम चल रहा है। एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियां हाईवे के मुकाबले बहुत तेजी से चलती हैं। एक्प्रेस-वे अधिक ऊंचाई पर बनाए जाते हैं। हाईवे 2 से 4 लेन की चौड़ी सड़क होती है। जबकि एक्सप्रेस-वे में 6 से 8 लेन होती हैं। एक्सप्रेस को तेज गति से चलने वाली गाड़ियों के लिए बनाया जाता है। एक्सप्रेसवे के लिए अलग-अलग एंट्रेंस और एग्जिट रैम्प बनाए जाते हैं।
दिल्ली-मुबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) लंबे समय से सुर्खियों में छाया हुआ है। बताया जा रहा है कि इस एक्सप्रेसवे का काम तेजी से चल रहा है। इसके बन जाने के बाद मुंबई से दिल्ली पहुंचने में 11-12 घंटे लगेंगे। इसकी लंबाई 1,382 किमी है। यह प्रोजेक्ट करीब पूरा होने के कगार पर पहुंच गया है। इसे साल 2023 तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे यात्रियों के 13-14 घंटे बचेंगे।
2 - मुंबई नागपुर एक्सप्रेसवे (Mumbai-Nagpur Expressway)
मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे (Mumbai-Nagpur Expressway) को पूरा होने में सिर्फ 6 या 7 महीना लगेंगे। जब यह एक्सप्रेसवे शुरू हो जाएगा तो मुंबई से नागपुर की दूरी महज 8 घंटे या उससे भी कम समय में तय कर सकेंगे। इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 701 किमी है। यह एक्सप्रेसवे 8 से ज्यादा जिलों को जोड़ रहा है। इसके साथ 388 गांव आ रहे हैं।
3 - द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway)
पहले शहरी एलिवेटेड एक्सप्रेसवे के रूप में द्वारका एक्सप्रेसवे गुरुग्राम के साथ राजधानी के पश्चिमी हिस्से की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा। इससे एनएच 8 पर भीड़ को भी कम करने में मदद मिलेगी। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई लगभग 29 किलोमीटर है और इसके 2023 तक तैयार होने की उम्मीद जताई जा रही है। यह 18.1 किमी गुड़गांव में और 10.1 किमी दिल्ली से गुजरेगा।
4 - गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway)
इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 594 किमी है। यह एक्सप्रेसवे पूर्वी यूपी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहरों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाएगा। बताया जा रहा है कि जिस रफ्तार से इस पर काम हो रहा है, उसे देखते हुए प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) से पहले इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। शासन स्तर पर सभी विभागों से इस प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने का निर्देश दिए जा चुके हैं। यह मेरठ के बिजौली गांव से शुरू होता है और प्रयागराज के जुदापुर दांडू गांव में समाप्त होता है।
इसमें प्रयागराज, मेरठ, उन्नाव, बदांयू, संभल, चंदौसी, तिलहर, बांगरमऊ, रायबरेली, हापुड और सियाना जैसे प्रमुख शहरों से होकर गुजरता है। इसके बनने के बाद मेरठ और प्रयागराज के बीच 6 घंटे में सफर पूरा हो जाएगा। मौजूदा समय में मेरठ से प्रयागराज जाने में 12 घंटे लगते हैं।
इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 650 किलोमीटर है। यह दिल्ली में बहादुरगढ़ सीमा से शुरू होकर जम्मू-कश्मीर में कटरा तक जाता है। यह एक्सप्रेसवे 4 लेन का है। इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे वैष्णो देवी स्वर्ण मंदिर दोनों को जोड़ा जा सकेगा।
इस एक्सप्रेसवे को बनाने का ऐलान साल 2010 में किया गया था। लेकिन इसे साल 2019 में हरी झंडी मिली। यह 4 लेन का एक्सप्रेसवे होगा। इसकी कुल लंबाई लगभग 110 किलोमीटर होगी। यह गुजरात के कई प्रमुख शहरों और कस्बों से होकर गुजरेगा।
बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे के चालू हो जाने के बाद इस फासले को 3.5 घंटे ही लगेंगे। इसके साल 2023 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे कर्नाटक के होसकोटे से शुरू होकर तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर तक जाएगा। इसकी कुल लंबाई 262 किलोमीटर है। इसमें से इस एक्सप्रेसवे का 85 किलोमीटर हिस्सा तमिलनाडु में, 71 किलोमीटर आंध्र प्रदेश में और 106 किलोमीटर कर्नाटक में पड़ता है। बेंगलुरु-चेन्नई हाईवे पर कारें 120 किलोमीटर प्रति घंटे (Bangalore-Chennai Expressway Speed Limit) की रफ्तार से चलेंगी। वहीं इस पर धीमे चलने वाले साधन जैसे बाइक और ऑटोरिक्शा पर पाबंदी लगाई जाएगी।
इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 464 किमी है। यह मध्य और पूर्व –मध्य भारत के छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के राज्यों से होकर गुजरेगा। इससे यात्रा का समय 14 घंटे से घटकर 7 घंटे रह जाएगा।
मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेसवे पश्चिमी भारत के दो बड़े आर्थिक शहरों को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है। एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई लगभग 379 किलोमीटर होगी। यह कई बड़े शहरों और कस्बों से होकर गुजरेगा। इससे दोनों शहरों के बीच की दूरी सिर्फ 6 घंटे में पूरी की जा सकेगी।
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे की लंबाई करीब 1,257 किलोमीटर होगी। इसके सितंबर 2023 तक तैयार होने की उम्मीद जताई जा रही है। यह अमृतसर और जामनगर के बीच करीब 26 घंटे का समय लगता है। लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह दूरी घटकर 13 घंटे हो जाएगी।
11 - नर्मदा एक्सप्रेसवे (Narmada Expressway )
मध्य प्रदेश में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 1265 किलोमीटर लंबा नर्मदा एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे अनूपपुर जिले के अमरकंटक से अलीराजपुर तक जाएगा। यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के 11 जिलों अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, खंडवा, खरगौन, बड़वानी और अलीराजपुर से गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से छत्तीसगढ़ सीधा गुजरात से जुड़ जाएगा। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-बड़ोदरा एक्सप्रेस कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। इस एक्सप्रेस की कुल लागत 31,000 करोड़ रुपये का अनुमान है।