केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के अनुसार, आर्थिक विकास को आगे बढ़ाते हुए भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में देखे जाने वाले मानकों के मुताबिक अपने रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना चाहता है। रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज मिनिस्टर ने नई दिल्ली में आयोजित 'मनीकंट्रोल पॉलिसी नेक्स्ट- द 10 ट्रिलियन इंफ्रा पुश समिट' के उद्घाटन के मौके पर ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, "समस्या हर जगह हैं। लेकिन एक मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति है। जहां चाह, वहां राह। मुझे ऐसे लोग पसंद हैं जो काम करवाते हैं।"
गडकरी ने स्वीकार किया कि सड़कों की गुणवत्ता कभी-कभी चिंता का विषय होती है और इसमें सुधार की गुंजाइश होती है। उन्होंने इस सेक्टर में रिसर्च एंड डेवलपमेंट को लेकर एक ऑर्गनाइजेशन बनाने की इच्छा भी जाहिर की।
भारत ने 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में इंफ्रास्ट्रक्चर को को बढ़ावा देने पर लगातार फोकस किया जा रहा है। पिछले एक दशक में भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च कई गुना बढ़ा है और अगले वित्त वर्ष में यह 10 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगा।
इसी सफर के तहत 23 मार्च को "मनीकंट्रोल पॉलिसी नेक्स्ट सीरीज ऑफ एक्सक्लूसिव इवेंट्स" की शुरुआत की गई। मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे जैसी देश के प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाओं को अमलीजामा देने वाले मिनिस्टर नितिन गडकरी ने इस इवेंट्स के दौरान "भविष्य का राजमार्ग: भारत के लिए मेरा नजरिया" विषय पर बतौर मुख्य अतिथि भाषण दिया।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारत के फोकस को सबसे अच्छी तरह से मिनिस्ट्री रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज की ओर से खर्च किए गए पैसे और उसके कार्य बताता है। साल 2015-16 में रोड मिनिस्ट्री को 46,913 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे। हालांकि 2023-24 के बजट में यह करीब साढ़े 5 गुना बढ़कर 2.7 लाख करोड़ पर पहुंच गया।