Uric Acid: इन दिनों बहुत से लोग बढ़े हुए यूरिक एसिड से परेशान हैं। शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से जोड़ों में सूजन और दर्द का एहसास होने लगता है। इसके बढ़ने से आमतौर पर अर्थराइटिस की समस्या होती है। यूरिक एसिड एक तरह का टॉक्सिन है जो कि हमारे शरीर में बनता है। हालांकि किडनी इसे फिल्टर करके शरीर से बाहर कर देती है। जब किडनी इसे फिल्टर करने में नाकाम होती है तो शरीर में यह बढ़ने लगता है और इससे कई तरह की दिक्कतें होने लगती हैं। ऐसे में अगर आप यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे हैं तो अपने खानपान पर खास तौर से ध्यान देने की जरूरत है।
यूरिक एसिड को डाइट, एक्सरसाइज और खूब पानी पी कर कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अलावा आयुर्वेद में भी ऐसे कई उपाय हैं जो यूरिक एसिड को कंट्रोल करते हैं। आइये जानते हैं यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के कुछ घरेलू दवाइयां
बढ़े यूरिक एसिड के लिए गुडूची, जिसे गिलोय के नाम से जानते हैं दवा के जैसा काम करती हैं। अगर आपके घर में पौधा है तो आप इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए ताजे पत्ते और तने को रात भर भिगो दें। सुबह 1 गिलास पानी में पीसकर आधा होने तक उबालें। इसके बाद छानकर पी लें। आप इसे जूस, पाउडर, टैबलेट जैसे अन्य रूपों में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी मेडिसिनल प्रॉपर्टीज के कारण इसे कई स्वास्थ्य समस्याओं में लाभदायक माना गया है। गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक और एंटीपीयरेटिक गुण होते हैं। जिससे गठिया या गुर्दे की पथरी में दर्द, बुखार और सूजन में कमी आती है। कोरोना काल में गिलोय का जमकर इस्तेमाल हुआ है। इसे रोजाना खाने से इम्युनिटी मजबूत होती है।
नीम की पत्ती को खाने से हमें कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिलता है। इसे खाने से आमतौर पर स्किन की परेशानी और पेट संबंधी दिक्कतों को दूर करने के लिए किया जाता है। नीम की पत्ती दर्द और सूजन को कम करने में भी मदद करती हैं।
त्रिफला एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक दवा है जो पेट की समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। यह तीन से चार फलों के साथ साथ कई तरह की जड़ी बूटियों का मिश्रण होता है। यह वात, पित्त और कफ को प्रभावित करता है। यह आयुर्वेदिक दवा गठिया के कारण होने वाले दर्द को कम करता है।