American Citizenship: Esmita Spudes Bidari नेपाल में रहने वाली एक लड़की जिसका सपना मिलिट्री में जाने का था। अफसोस एस्मिता के देश में ऐसी सुविधाएं नहीं थी कि वो अपना सपना पूरा कर सकते। पिछले ही हफ्ते एस्मिता की किस्मत पूरी तरह से बदल गई। यूएस आर्मी रिजर्व में एस्मिता ने शपथ ली और अमेरिका की आर्मी में भर्ती हो गईं। इसका सारा श्रेय Dallas को जाता है। Dallas अमेरिका में एक आर्मी रेक्रुटर है जिसकी एस्मिता से एक ऑनलाइन ग्रुप के जरिए मुलाकात हुई थी। दूसरी ओर बिदारी है जो अगस्त में होने जा रही बेसिक ट्रेनिंग की तैयारी में जुटा हुआ है। धीरे धीरे अमेरिका में लीगल इमीग्रेंट्स की संख्या बढ़ती जा रही है। यूएस मिलिट्री में भर्ती होने वाले इमीग्रेंट्स को फार्स्ट ट्रेक सिटिजनशिप दे रहा है।
यूएस भर्ती में बढ़ रही है प्रवासियों की संख्या
अमेरिका में आर्मी और एयर फोर्स की भर्तियों मे कमी आई है इसलिए यूएस में भर्तियों को बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। लगातार मार्केटिंग की मदद से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक आर्मी में भर्ती होने का मैसेज पहुंचाया जा रहा है। रेक्रुटर्स की कोशिश है कि आर्मी में काम कर रहे लोगों के जरिए ही ज्यादा से ज्यादा लोगों तक बात पहुंचाई जाए। बिदारी का भी कुछ ऐसा ही कहना है- जब आप लोकल लोगों से मिलिट्री के बारे में सुनते हो तो अलग असर पड़ता है। लेकिन जब आपके देश के आपके अपने भाई-बंधु इसके बारे में बात करते हैं तो बातों का गहरा असर होता है। बिदारी को भी यूएस आर्मी में भर्ती होने के बारे में आर्मी स्टाफ सार्जेंट काल्देन लामा ने बताया था जो Dallas से एक रेक्रुटर हैं। बिदारी ने बताया कि हमारे एक फेसबुक ग्रुप में नेपाल से एक आदमी था जिसने मुझे मिलिट्री में चल रही भर्ती के बारे में बताया।
लोगों को कम अंग्रेजी की वजह से होती है परेशानी
सेना को लीगल इमिग्रेंट्स की भर्ती करने में लगातार सफलता मिल रही है। अमेरिका में नौकरी, शिक्षा और सही ट्रेनिंग की तलाश करने वालों के साथ-साथ यहा अमेरिकी नागरिक बनने का अच्छा रास्ता है। लेकिन सेना में चल रही इन भर्तियों में ज्यादा सुरक्षा जांच एक समस्या बनी हुई है। जिन लोगों को कम अंग्रेजी आती है उन्हें फॉर्म भरने में हेल्प की जरूरत पड़ती है।
लोग कॉर्पोरेट जॉब्स को करते हैं पसंद
आर्मी और एयरफोर्स दोनों इस साल भी अपने भर्ती के टारगेट को अचीव नहीं कर पाएंगे और नेवी में भी कम भर्ती होने की उम्मीद है। आर्मी लीडर्स का कहना है कि ज्यादातर यंगस्टर्स आर्मी के बारे में उतना नहीं जानते हैं इसलिए वो कॉर्पोरेट जॉब्स को चुनना पसंद करते हैं। इन जॉब्स में उन्हें प्रोफिट ज्यादा और चोट से मृत्यु का खतरा कम दिखता है। लीडर्स ने ये भी बताया कि 20% लोग भी उनके फिजिकल, मेंटल और कैरेक्टर से जुड़े क्राइटिरिया को पूरा नहीं कर पाते हैं ।
जमायका से आ रहे हैं ज्यादा लोग
रेक्रुटर्स ने पिछली साल सोशल मीडिया की मदद से 10 देशों को टारगेट किया। इन देशों को परमानेंट सिटिजनशिप की जानकारी देते हुए आर्मी में भर्ती होने के बारे में बताया गया। वायु सेना ने इसी साल दूसरे देशों से लोगों की भर्ती करना शुरू किया है। भर्ती किए गए पहले ग्रुप से ग्रेजुएट हुए 14 लोगों ने इसी साल अप्रैल में अमेरिकी नागरिक के रूप में शपथ ली। इन लोगों में कैमरून, जमायका, केन्या, फिलीपींस, रूस और दक्षिण अफ्रीका के लोग शामिल थे। मई आते-आते 100 लोगों ने नागरिकता से जुड़ी प्रक्रिया शुरू कर दी थी और जिसमें से लगभग 40 ने इसे पूरा भी कर लिया है।
सिटिजनशिप प्रोसेस हो जाती है जल्द शुरू
इस नए प्रोग्राम के तहत भर्ती होने वाले इमिग्रेंट्स को तुरंत सिटिजनशिप प्रोसेस के लिए रजिस्टर कर दिया जाता है। उनकी आर्मी ट्रेनिंग के साथ-साथ सिटिजनशिप की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है। जब तक वायु सेना अपने सात हफ्तों की ट्रेनिंग को पूरा करता है तब तक भर्ती होने वाले लोग नागरिकता की शपथ की तैयारी में भी जुट जाते हैं।
इस साल होंगी ज्यादा भर्तियां
इस साल की शुरुआत में शिकागो में तैनात सेना सचिव क्रिस्टीन वर्मथ ने कई रेक्रुटर्स से इमिग्रेंट्स समुदायों की लगातार बढ़ती संख्या के बारे में पता किया। 2022 के बजट वर्ष में शिकागो भर्ती बटालियन ने 70 लोगों को ज्वाइन करने के बाद स्थायी सिटिजन बनाया और 2023 में साल खत्म होने से पहले ही 62 को सिटिजनशिप के लिए लिस्ट कर लिया है।
मोटे तौर पर सेना में इस बजट वर्ष की पहली छमाही के दौरान 2,900 के करीब भर्तियां हुईं जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान लगभग 2,200 लोग भर्ती हुए थे। सबसे बड़ी संख्या में जमायका से लोग भर्ती हो रहे हैं। जमायका से 384, इसके बाद मेक्सिको, फिलीपींस और हैती इस लिस्ट में टॉप पर हैं। अब नेपाल, नाइजीरिया, घाना, कैमरून, कोलंबिया और डोमिनिकन रिपब्लिक से भी लोग िस लिस्ट में शामिल हो रहे हैं।