Viral Video: चीखता रहा छात्र, बरसती रहीं लाठियां, वाराणसी पुलिस की बर्बरता का वीडियो हुआ वायरल
Viral Video: वाराणसी के संकटमोचन पुलिस चौकी का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें चौकी इंचार्ज नवीन चतुर्वेदी छात्रों को बेरहमी से पीटते दिखे। मामला दो गुटों की पुरानी झड़प से जुड़ा था। वीडियो पर आक्रोश बढ़ते ही डीसीपी ने आरोपी अधिकारी को निलंबित कर दिया। घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं
Viral Video: वाराणसी में पुलिस की क्रूरता, छात्रों की बेरहमी से पिटाई, वीडियो वायरल
वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र स्थित संकटमोचन पुलिस चौकी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तहलका मचा रहा है, जिसमें एक पुलिस अधिकारी छात्रों को बेरहमी से पीटते हुए नजर आ रहा है। वीडियो में चौकी इंचार्ज नवीन चतुर्वेदी एक छात्र के बाल पकड़कर उसे जमीन पर गिराते हैं और लाठी से पीटते हैं। छात्र दर्द से कराहते हुए खुद को निर्दोष बताने की गुहार लगाते रहे, लेकिन पुलिस अधिकारी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। जैसे ही ये वीडियो वायरल हुआ, जनता में आक्रोश फैल गया और पुलिस प्रशासन पर सवाल उठने लगे।
लोग पुलिस की इस बर्बरता की कड़ी निंदा कर रहे हैं। मामले ने पुलिस की काम पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं, जिससे कानून व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लग गया है।
क्यों हुई छात्रों की पिटाई?
ये मामला छात्रों के दो गुटों के बीच हुई पुरानी झड़प से जुड़ा हुआ है, जिसका सीसीटीवी फुटेज पुलिस के हाथ लगा था। इसी के आधार पर चौकी इंचार्ज नवीन चतुर्वेदी ने एक पक्ष के कुछ छात्रों को पुलिस चौकी बुलाया और वहां उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी।
There was a fight between two group of students, In this connection, the police brought these three students to the Police Station and Beat them up badly, The DCP suspended the Inspector after this incident, Sankat mochan P.S Varanasi UP pic.twitter.com/m86I40ZgCi
जैसे ही ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, आम जनता में आक्रोश फैल गया और पुलिस प्रशासन पर सवाल उठने लगे। इस क्रूरता ने न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए बल्कि लोगों में असुरक्षा की भावना भी पैदा कर दी।
सस्पेंड हुए आरोपी पुलिस अधिकारी
मामले की गंभीरता को देखते हुए काशी जोन के डीसीपी गौरव बंसवाल ने चौकी इंचार्ज नवीन चतुर्वेदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी पुलिसकर्मी को कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं है और ऐसी बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही, उन्होंने आश्वासन दिया कि अन्य दोषी पुलिसकर्मियों पर भी सख्त कार्रवाई होगी।
पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की काम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ये घटना दर्शाती है कि किस तरह कुछ पुलिसकर्मी अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल करते हैं। जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिनके हाथों में है, वही अगर अत्याचार करने लगें, तो व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठना लाजिमी है।
अब देखना होगा कि इस मामले में पुलिस प्रशासन कितनी कड़ी कार्रवाई करता है और क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं।