Over Bridge Vs Flyover: देशभर के कई शहरों में यातायात को बेहतर करने के लिए फ्लाईओवर (Flyover) और ओवरब्रिज (Overbridge) बनाए गए हैं। जिनके जरिए वाहन और ट्रेनें रफ्तार पकड़कर अपनी मंजिल तक का सफर तय करती हैं। वहीं, कुछ पुलों को पैदल चलने वाले लोगों के लिए भी बनाया गया है। जिससे लोग सुरक्षित तरीके से सड़क पार कर सके। हालांकि, अक्सर लोग Flyover और Overbridge को लेकर दुविधा में पड़ जाते हैं, जबकि दोनों ही शब्द अलग-अलग चीजों के लिए इस्तेमाल होते हैं। निर्माण से लेकर अन्य चीजों में दोनों में अंतर होता है।
दरअसल, भारत में तेजी से बढ़ते शहरीकरण की वजह से ट्रैफिक की समस्या से निजात पाने के लिए एक्सप्रेसवे, हाइवे जैसी तमाम चीजें बनाई जा रही है। इसी तरह फ्लाईओवर और ओवरब्रिज भी अहम भूमिका निभाते हैं।
जानिए क्या होता है Flyover
फ्लाईओवर आमौतर पर सड़क पर ही बनाए जाते हैं। जिस पर पहले से ही ट्रैफिक मौजूद होता है। ऐसे में संबंधित रूट पर अधिक ट्रैफिक होने की वजह से जाम की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए फ्लाईओवर का निर्माण उस रोड पर ही पिलर के जरिए किया जाता है। फ्लाईओवर की लंबाई रूट पर आने वाले ट्रैफिक और वहां की भूगौलिक स्थिति पर निर्भर करती है। कई बार इनकी लंबाई सिर्फ एक से दो किलोमीटर की होती है, जबकि कुछ फ्लाईओवर पांच किलोमीटर से अधिक लंबे होते हैं। भारत का सबसे लंबा फ्लाईओवर बेंगलुरु में है। इसका नाम विश्ववरैया फ्लाईओवर है। इसकी लंबाई 11.6 किलोमीटर है।
जानिए किसे कहते हैं ओवरब्रिज
ओवरब्रिज (Overbridge) का निर्माण सड़क पर ही किया जाता है। यह किसी चलते हुए रोड के ऊपर बनाए जाते हैं। इसका मकसद ट्रेन को बिना किसी रुकावट के गुजरना होता है। साथ ही इसे कुछ ऐसी सड़कों पर भी बनाया जाता है। जहां पर पैदल यात्रियों के लिए सड़क पार करना मुश्किल होता है। ऐसे में इन जगहों पर भी ओवरब्रिज का निर्माण किया जाता है। हालांकि, इनकी लंबाई फ्लाईओवर के मुकाबले कम होती है।