सूजी का हलवा आपने खूब खाया होगा। वहीं रवा से बनी हुई चीजें भी खूब खाई होंगी। रवा का डोसा काफी मशहूर होता है। बहुत से लोग सूजी और रवा को एक ही लाठी से हांक देते हैं। यानी सूजी और रवा को एक ही मानते हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अगर सूजी और रवा एक ही है तो लोग सूजी का डोसा और रवा का हलवा भी कह सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं कहा जाता है। यह देखने में एक जैसा होता है। भारतीय रसोई में दोनों पाए जाते हैं। इसका खूब इस्तेमाल भी होता है। लोग बड़े चाव से सूजी का हलवा खाते हैं।
दरअसल, सूजी और रवा दोनों ड्यूरम गेहूं से ही बनते हैं। भारत में कई ऐसी जगहें हैं, जहां खाद्य पदार्थों को अलग-अलग नाम से पुकारा जाता है। उत्तर भारत और पाकिस्तान में लोग सूजी के नाम से जानते हैं। वहीं दक्षिण भारत में ज्यादातर लोग रवा कहते हैँ। इसकी पहचान ऐसे कर सकते हैं कि सूजी थोड़ी पिसी हुई होती है। वहीं रवा थोड़ा दरदरा होता है।
इस सवाल का जवाब है कि इनमें कोई अंतर नहीं होता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सूजी और रवा को सेमोलिना के नाम से जाना जाता है। सेमोलिना भी सूजी का ही एक और नाम है। जिसे इटालियन ओरिजन का माना जाता है। ये विदेशों में इसी नाम से बिकता है और इसे अधिकतर मीडियम कंसिस्टेंसी का ही माना जाता है। इसे बनाने के लिए खास तरह का गेहूं इस्तेमाल किया जाता है, जिसे ड्यूम गेहूं कहते हैं। सूजी का इस्तेमाल कई भारतीय व्यंजनों में किया जाता है, चाहे वे मीठे हों या नमकीन, इसे घोल में या मुख्य सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। सूजी का इस्तेमाल करने वाले कुछ डिश हैं- रवा डोसा, रवा इडली, रवा कचौड़ी, उपमा, रवा लड्डू और ढोकला है।
सूजी यानी रवा में हैं पोषक तत्वों का भंडार
सूजी में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक, और सोडियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। सूजी में प्रोटीन भारी मात्रा में पाया जाता है। यह मांसपेशियों के लिए किसी टॉनिक से कम नहीं है। सूजी में विटामिन B3 होता है जो कॉलेस्ट्रॉल को कम करने में अहम भूमिका भूमिका निभाता है।