राजस्थान का रेगिस्तान अपने आप में एक रहस्य है। पुराने समय से ही रेगिस्तान, निर्जन, कठिन और निष्ठुर जगहों के रूप में जाने जाते हैं। आज रेगिस्तान में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। राजस्थान के कई इलाके इन दिनों भारी बारिश की मार झेल रहे हैं। इससे कुछ इलाकों में लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा रहा है। वहीं भारी बारिश से कुछ इलाकों के लोग खुशी झूम नाच रहे हैं। इस बीच सूबे के भीलवाड़ा जिले का दांताड़ा खारी बांध भारी बारिश की वजह से लबालब भर गया है। इसका पानी खारी नदी में 27 साल बाद पहुंचा है। ऐसे में ग्रामीणों ने पूजा पाठ कर नदी का स्वागत किया।
दरअसल 27 साल बाद दांतड़ा बांध ओवरफ्लो हुआ है। पिछली बार यह बांध 1997 में ओवरफ्लो हुआ था। बांध का पानी खारी नदी पर पहुंच गया। यह नदी 27 साल से सूखी पड़ी थी। नदी में पानी देखते ही ग्रामीण स्वागत के लिए दौड़ पड़े। इधर प्रशासन गांव वालों को पानी से दूर रहने की हिदायत देता रहा। गांव के लोग नदी के स्वागत में व्यस्त रहे।
खारी बांध आसींद क्षेत्र का जीवन रेखा है
भीलवाड़ा जिले के खारी बांध आसींद क्षेत्र का जीवन रेखा माना जाता है। इस बांध का निर्माण 1957 में हुआ था। जिसमें दो मुख्य दाई और बाई नहर हैं। खारी बांध की भराव क्षमता 21 फिट है। जिसकी भराव क्षमता 1376 एमसीएफटी है। बांध के कमांड क्षेत्र के दातड़ा, बामणी बड़ा खेड़ा बोरेला, मान सिंह जी का खेड़ा, दूधिया साबदड़ा, खातोला, नेगड़िया, दड़ावट, जगपुरा के सरपुरा बठेड़ा, मालासेरी आमेसर, बरसणी, मालमपुरा, आणदातड़ा, गुलाबपुरा गांव आते हैं।
खारी नदी में 27 साल बाद पहुंचा पानी
राजस्थान में भारी बारिश होने की वजह से दांतड़ा बांध ओवरफ्लो हो गया है। 27 साल बाद आसींद कस्बे में पानी आया है। पानी को देखते ही प्रशासन लर्ट हो गया। स्थानीय लोगों को पानी से दूर रहने की सलाह दी। इस बीच 27 साल बाद खारी नदी में पानी देखते ही ग्रामीण खुशी से झूम उठे। ग्रामीणों ने नदी की पूजा की और अनुष्ठान कर नदी का स्वागत किया। ढोल नगाड़े बजाए गए। महिलाओं और पुरुषों ने चुनरी ओढ़ाकर नदी का स्वागत किया। गांव के लोगों के लिए खारी नदी किसी जिंदगी से कम नहीं है। ग्रामीण इस नदी को मां की तरह पूजते हैं।