झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Where Is Hemant Soren) 'लापता' हो गए हैं। जी हां, आपको हैरान होने की जरूरत नहीं है, क्यों ये खबर सच है। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ करना चाहते हैं। जबकि आधिकारिक सूत्रों का दावा है कि सोरेन पिछले 24 घंटों से "लापता" हैं। हालांकि उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने कहा है कि मुख्यमंत्री सुरक्षित हैं और हम उनके संपर्क में हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ED ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि हेमंत सोरेन को खोजकर लाएं। सोरेन बीते 24 घंटे से कहां है, इसकी किसी को भी जानकारी नहीं है।
ED की एक टीम कथित जमीन धोखाधड़ी मामले में एक मनी लॉन्ड्रिंग जांच के संबंध में पूछताछ करने के लिए सोमवार को हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पहुंची और 13 घंटे से अधिक समय तक वहां डेरा डाले रही। इस दौरान उन्होंने परिसर की तलाशी ली। सूत्रों ने दावा किया कि सोरेन 'लापता' है। जांच एजेंसी उनसे संपर्क नहीं कर पाई है लेकिन सोरेन के परिवार के एक सदस्य ने इस पूरे घटनाक्रम को झारखंड मुक्ति मोर्चा (के नेता को बदनाम करने की 'नियोजित' साजिश करार दिया।
जांच एजेंसी के अधिकारी दिल्ली पुलिस कर्मियों के साथ सोमवार सुबह करीब 9 बजे दक्षिण दिल्ली में 5/1 शांति निकेतन भवन पहुंचे। इस दौरान कई मीडियाकर्मी बाहर खड़े रहे। ईडी के कई अधिकारियों को रात करीब साढ़े 10 बजे परिसर से बाहर निकलते हुए देखा गया। सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने सोरेन के आवास से हरियाणा के नंबर वाली एक BMW कार जब्त की है और इसके अलावा आवास की तलाशी के दौरान मिले कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं।
सोरेन 27 जनवरी को रांची से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। उनकी पार्टी ने सोमवार को कहा कि वह निजी काम से गए हैं और वह लौट आएंगे। हालांकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की झारखंड इकाई ने सोमवार को दावा किया कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के डर से पिछले 18 घंटे से 'फरार' हैं। उसने राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन से इस मामले पर संज्ञान लेने का आग्रह करते हुए कहा कि झारखंड की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा दांव पर है।
20 जनवरी को हुई थी पूछताछ
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ED ने कथित भूमि धोखाधड़ी मामले में 20 जनवरी को सोरेन से रांची में उनके आधिकारिक आवास पर पूछताछ की थी और उन्हें नया समन जारी करते हुए यह बताने को कहा था कि वह पूछताछ के लिए 29 जनवरी या 31 जनवरी में से किस दिन आएंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सोरेन ने एजेंसी को एक पत्र भेजा था, लेकिन पूछताछ के लिए दिन या तारीख नहीं बताई थी।
सोरेन ने ईडी को रविवार को भेजे ईमेल में उस पर राज्य सरकार के कामकाज में बाधा डालने के लिए राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित होने का आरोप लगाया। सीएम ने दावा किया कि 31 जनवरी को या उससे पहले उनका बयान दोबारा दर्ज कराने की ED की जिद से दुर्भावना झलक रही है। सोरेन ने रविवार को भेजे ईमेल में कहा, "अदालत को उपलब्ध कराने के लिए 20 जनवरी को मुझसे सात घंटे तक हुई पूछताछ की वीडियो रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखें।"
31 को पूछताछ की दी मंजूरी
सोरेन ने 31 जनवरी को दोपहर एक बजे उनके आवास पर बयान दर्ज कराने के लिए स्वीकृति दे दी है। ED को भेजे गए ईमेल में सोरेन ने 31 जनवरी को दोपहर 1 बजे अपने आवास पर अपना बयान दर्ज कराने पर सहमति जताई। दिल्ली में ED अधिकारी रात करीब आठ बजे कुछ देर के लिए मुख्यमंत्री के आवास से बाहर निकले और बाहर खड़ी एक BMW कार की जांच की। हालांकि, वे मीडिया के सवालों का जवाब दिए बिना वापस अंदर चले गए।
एक सूत्र ने कहा, "हम उनसे (सोरेन) पूछताछ करने के लिए मुख्यमंत्री के आवास पर आए लेकिन वह यहां नहीं हैं। ईडी की टीम झारखंड भवन और कुछ अन्य स्थानों पर भी गईं, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं मिले।" ईडी के कुछ अधिकारियों को बाद में रात करीब साढ़े 10 बजे परिसर से बाहर निकलते हुए देखा गया। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने घटनाक्रम पर जहां चुप्पी साधे रखी। वहीं, झारखंड के राज्यपाल राधाकृष्णन ने कहा कि वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी का समन मिलने के मद्देनजर राज्य की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।