अमेरिका से 116 अवैध प्रवासी भारतीयों का दूसरा बैच भारत के अमृतसर पहुंच गए हैं। अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 शनिवार रात्रि 11.32 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। इनमें पंजाब के 67, हरियाणा के 33, गुजरात के 8, यूपी, महाराष्ट्र और राजस्थान के दो-दो, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और गोवा के एक-एक लोग शामिल हैं। अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई के वादे के तहत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की ओर से निर्वासित किया जाने वाला भारतीयों का दूसरा जत्था है। लौटाए गए भारतीयों को पिछली बार की तरह इस बार भी हथकड़ियां और बेड़ियों बांधकर लाया गया है जिन्हें उनके विमान से उतरने के पहले हटा लिया गया।
उड़ान में महिलाओं और बच्चों को हथकड़ियां नहीं डाली गई थीं। सिर्फ पुरुषों को डाली गई थीं। वहीं, अमेरिका से तीसरा विमान आज भारतीयों को लेकर अमृतसर आएगा। अमेरिका से निर्वासित कर आज अमृतसर लाए गए अवैध भारतीय अप्रवासियों के दूसरे जत्थे को अब उनके संबंधित राज्यों में भेजा जा रहा है।
दूसरे जत्थे में आए 116 लोग
इससे पहले पांच फरवरी को अवैध प्रवासियों के पहला जत्था वापस भेजा गया था। इसमें पंजाब के अधिकांश निर्वासितों ने कहा था कि वे अपने परिवारों के लिए बेहतर जीवन की खातिर अमेरिका जाना चाहते हैं। हालांकि, उनके सपने तब टूट गए जब उन्हें अमेरिकी सीमा पर पकड़ लिया गया और बेड़ियों में जकड़कर वापस भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि पहले ऐसी खबरें थीं कि विमान में 119 प्रवासी सवार होंगे, लेकिन अब यात्रियों की अपडेट सूची के अनुसार दूसरे जत्थे में निर्वासित लोगों की संख्या 116 है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अवैध भारतीय प्रवासियों के दूसरे समूह में 4 महिलाएं और दो नाबालिग हैं। जिनमें 6 साल की एक बच्ची भी शामिल है।
डंकी रूट से अमेरिका में एंट्री करने के प्रयास में पकड़े गए
ये सभी लोग 'डंकी रूट' के जरिए अमेरिका में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे। तभी सीमा पर पकड़ लिए गए थे. एक वायरल वीडियो में अमेरिका से डिपोर्ट किए गए अवैध भारतीय अप्रवासियों के पहले जत्थे में लोगों को बेड़ियों में जकड़ा हुआ देखा गया था। अवैध भारतीय अप्रवासियों के साथ इस दुर्व्यवहार को लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर हमला बोला था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में विपक्ष को आश्वासन दिया था कि भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए ट्रंप प्रशासन से संपर्क कर रही है कि अमेरिका से निर्वासित भारतीयों के साथ किसी भी तरह से दुर्व्यवहार न किया जाए।