Weather Update: मौसम विभाग ने शुक्रवार (28 फरवरी) को कहा कि मार्च से लेकर मई तक देश के अधिकांश क्षेत्रों में भीषण गर्मी पड़ने की आशंका है। इससे सर्दियों में बोई जाने वाली गेहूं, चना और सरसों जैसी फसलों को खतरा हो सकता है। इंडियन मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने इस साल मार्च से मई के बीच देश के दक्षिणी हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रहने की भविष्यवाणी की है। मौसम एजेंसी के अनुसार, भारत के दक्षिणी हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी आने वाले महीनों में सामान्य से कम अधिकतम तापमान रहने की आशंका है।
इस साल मार्च के दौरान, उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिण के कुछ हिस्सों को छोड़कर सभी हिस्सों में सामान्य से अधिक न्यूनतम तापमान रहने की आशंका है। IMD ने कहा कि मार्च से मई तक देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्म हवाएं चलने की आशंका है। मार्च महीने में ही कुछ क्षेत्रों में तेज लू चलने आशंका है। मौसम एजेंसी ने आगे बताया कि मार्च 2025 में देश में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है।
दिल्ली में गुरुवार को न्यूनतम तापमान 19.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो 74 साल में फरवरी माह में रात का सबसे अधिक तापमान है। सफदरजंग मौसम केंद्र में दर्ज यह न्यूनतम तापमान (19.5) साल 1951 से 2025 के बीच की अवधि में फरवरी महीने में सबसे अधिक है।
IMD ने बताया, "सफदरजंग में आज 27 फरवरी 2025 को न्यूनतम तापमान 19.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह 1951 से 2025 के बीच सफदरजंग में फरवरी के महीने में दर्ज किया गया अब तक का सबसे अधिक न्यूनतम तापमान है, यानी 74 सालों में सबसे गर्म रात।"
मौसम विभाग ने बताया कि 1951 से पहले का डेटा उपलब्ध नहीं है। पिछले रिकॉर्ड के अनुसार, फरवरी महीने में इससे पहले सबसे अधिक न्यूनतम तापमान 25 फरवरी, 2015 को 19 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। यह अब तक का दूसरा सर्वाधिक तापमान है।
IMD ने बताया कि इसके बाद 1973 में 18.6 डिग्री सेल्सियस, 20 फरवरी 2015 को 18.5 डिग्री सेल्सियस, 1992 में 18.2 डिग्री सेल्सियस और 1988 में 18.0 डिग्री सेल्सियस है, जो पांचवां सबसे अधिक है।
राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को इस मौसम का सर्वाधिक अधिकतम तापमान 32.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। 'स्काईमेट वेदर' के उपाध्यक्ष महेश पलावत के मुताबिक, मार्च के पहले सप्ताह में नए वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के सक्रिय होने की आशंका है। इससे पहाड़ियों में बर्फबारी के साथ-साथ हवा के रुख में बदलाव होगा।
उन्होंने बताया कि 10 मार्च के आसपास दिल्ली में सर्दी का मौसम खत्म हो जाएगा। जिसके बाद वायुमंडलीय दबाव फिर से बढ़ने लगेगा और तापमान में और गिरावट नहीं होगी।