Weather Update: दुनिया भर में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी और खराब मौसम के लिए जिम्मेदार अल नीनो के इस साल के अंत में ला नीना स्थिति में परिवर्तित होने का अनुमान है। यह जानकारी विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने दी है। WMO के अनुसार, दुनिया भर में लोगों ने अप्रैल का महीना अब तक का सबसे गर्म महीना और लगातार 11वें महीने रिकॉर्ड-उच्च तापमान का अनुभव किया। इसके अनुसार, पिछले 13 महीने में समुद्र की सतह का तापमान रिकॉर्ड-उच्च स्तर पर रहा है। बता दें कि दिल्ली-NCR समेत देश के कई राज्यों में इस वक्त गर्मी ने तांडव मचाया हुआ है। भीषण गर्मी का हाल इस कदर कहर बरपा रहा है कि कई लोग अपनी जान गवा चुके हैं।
WMO ने कहा कि ऐसा प्राकृतिक रूप से होने वाले अल नीनो मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर में पानी के असामान्य रूप से गर्म होने तथा मानवीय गतिविधियों से उत्पन्न ग्रीनहाउस गैस द्वारा वायुमंडल और महासागर में फंसी अतिरिक्त ऊर्जा के कारण हो रहा है। अल नीनो का प्रभाव बना हुआ है लेकिन यह कमजोर हो रहा है। इसके प्रभाव के चलते भारत और पाकिस्तान सहित दक्षिण एशिया में लाखों लोगों ने अप्रैल और मई में भीषण गर्मी का सामना किया।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, WMO के 'ग्लोबल प्रोड्यूसिंग सेंटर्स ऑफ लॉन्ग-रेंज फोरकास्ट' के लेटेस्ट पूर्वानुमानों में जून-अगस्त के दौरान तटस्थ स्थितियां या ला नीना में परिवर्तित होने की समान संभावनाएं (50 प्रतिशत) बताई गई हैं। ला नीना स्थितियों की जुलाई से सितंबर के दौरान संभावना 60 फीसदी तथा अगस्त से नवम्बर के दौरान 70 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। WMO ने कहा कि इस दौरान अल नीनो के फिर से विकसित होने की संभावना बहुत कम है।
अल नीनो भारत में कमजोर मानसूनी हवाओं और शुष्क परिस्थितियों से जुड़ा है। जबकि अल नीनो के विरोधी ला नीना के चलते मानसून के दौरान भरपूर बारिश होती है। पिछले महीने, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने भारत में मानसून के मौसम में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान जताया था और अगस्त-सितंबर तक अनुकूल ला नीना स्थितियां बनने की उम्मीद है। भारत के कृषि परिदृश्य के लिए मानसून महत्वपूर्ण है क्योंकि 52 प्रतिशत खेती योग्य क्षेत्र इस पर निर्भर है। यह देश भर में बिजली उत्पादन के अलावा पेयजल के लिए जलाशयों को फिर से भरने में भी महत्वपूर्ण है।