"नानावती -प्रेम आहूजा केस मेरे कैरियर का सर्वाधिक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।" दिवंगत राम भूलचंद जेठमलानी ने एकबार ये बात कही थी। यह तब की बात है जब वह बंबई में वकालत की प्रैक्टिस कर रहे थे। नेवी के कमांडर के.एम. नानावती ने 27 अप्रैल, 1957 को प्रेम आहूजा की गोली मार कर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद नानावती ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया था। दरअसल प्रेम आहूजा का नानावती की पत्नी सिल्विया से अवैध संबंध था।