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जब नानावती-प्रेम आहूजा के केस की वजह से मशहूर हो गए थे राम जेठमलानी

जेठमलानी की तर्क शक्ति और शैली बेजोड़ थी। एक बार वे हथियारों मशहूर सौदागर खशोगी के जहाज पर देखे गये थे। उन दिनों जेठमलानी बोफोर्स तोप खरीद घोटाले के खिलाफ अभियान चला रहे थे। एक पत्रकार ने पूछा कि एक तरफ तो आप हथियार सौदे के घोटाले के खिलाफ अभियान चला रहे हैं, दूसरी ओर हथियारों के कुख्यात सौदागर के जहाज पर देखे जाते हैं? इस पर जेठमलानी ने कहा कि मैं बोफोर्स तोप सौदे में घोटाले का सबूत लेने वहां गया था। क्योंकि एक चोर के खिलाफ सबूत दूसरे चोर की जेब में पाया जाता है

Surendra Kishoreअपडेटेड Oct 26, 2023 पर 12:40 PM
जब नानावती-प्रेम आहूजा के केस की वजह से मशहूर हो गए थे राम जेठमलानी
इस कांड को लेकर कई किताबें लिखी गयीं और ‘ये रास्ते हैं प्यार के’ सहित कई फिल्में भी बनीं

"नानावती -प्रेम आहूजा केस मेरे कैरियर का सर्वाधिक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।" दिवंगत राम भूलचंद जेठमलानी ने एकबार ये बात कही थी। यह तब की बात है जब वह बंबई में वकालत की प्रैक्टिस कर रहे थे। नेवी के कमांडर के.एम. नानावती ने 27 अप्रैल, 1957 को प्रेम आहूजा की गोली मार कर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद नानावती ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया था। दरअसल प्रेम आहूजा का नानावती की पत्नी सिल्विया से अवैध संबंध था।

जब नानावती ने प्रेम आहूजा के घर जाकर उससे कहा कि तुम मेरी पत्नी से शादी कर लो तो आहूजा ने इनकार कर दिया। आहूजा एक प्लेबॉय की तरह जी रहा था। आहूजा का इनकार सुनकर नानावती ने उसे तीन गोलियां मारीं। उसकी मौत हो गयी। नानावती ऊंची पहुंच वाला व्यक्ति था। वह ब्रिटेन में भारतीय हाई कमिश्नर वी.के. कृष्ण मेनन का रक्षा सहचारी रह चुका था। बाद में उसे उसका फायदा भी मिला। इस घटना को लेकर कई फिल्में भी बनी हैं। किताबें लिखी गयीं।

राम जेठमलानी अविभाजित भारत के सिंध प्रांत के शिकार पुर में 14 सितंबर 1923 को जन्मे थे। 8 सितंबर 2019 को उनका निधन हो गया। एक साथ दो -दो क्लास पास कर लेने के कारण बेजोड़ प्रतिभाशाली जेठमलानी 13 साल की उम्र में ही मैट्रिक पास कर गए थे। 17 साल की उम्र में लॉ ग्रेजुएट हो गए। पर, तब प्रैक्टिस करने की न्यूनत्तम उम्र 21 साल थी। लेकिन खास जेठमलानी के लिए उस नियम को बदल कर 18 किया गया।

देश के बंटवारे के बाद जेठ मलानी बंबई आकर प्रैक्टिस करने लगे। नानावती-प्रेम आहूजा केस में राम जेठमलानी लोअर कोर्ट के सरकारी वकील यानी पी.पी., सी.एम.त्रिवेदी के सहायक थे। सरकारी वकील आधे मन से केस लड़ रहे थे। उसके कई कारण थे। एक कारण यह भी हो सकता है कि उन दिनों हत्यारे नानावती के साथ जन भावना थी। हजारों की भीड़ केस की प्रगति जानने के लिए उत्सुक रहती थी। कुछ अन्य कारणों की चर्चाएं भी बंबई की हवाओं में थीं।

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