Womens Reservation Bill: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार 18 सितंबर को हुई बैठक में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दी। न्यूज18 को सूत्रों से यह जानकारी मिली है। सूत्रों के मुताबिक, इस हफ्ते बुधवार को संसद के विशेष सत्र के दौरान इस बिल को पेश किया जा सकता है। इसके साथ ही यह नए संसद भवन में पेश होने वाला पहला बिल बन जाएगा हालांकि अभी सरकार की ओर से इस मामले में आधिकारिक बयान आना बाकी है।
कांग्रेस पार्टी ने फैसले का स्वागत किया
हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इससे पहले ही महिला आरक्षण बिल पर केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत कर दिया है। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा, "कांग्रेस पार्टी लंबे समय से महिला आरक्षण को लागू करने की मांग कर रही है। हम कथित तौर पर सामने आ रहे केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत करते हैं और विधेयक के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। विशेष सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में इस पर अच्छी तरह से चर्चा की जा सकती थी और पर्दे के पीछे वाली राजनीति के बजाय आम सहमति बनाई जा सकती थी।"
सूत्रों ने यह भी बताया कि बीजेपी इस मुद्दे पर PM मोदी को धन्यवाद देने के लिए पूरे एनसीआर से हजारों महिलाओं को दिल्ली लाने की योजना बना रही है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले 2-3 दिनों में दिल्ली या राजस्थान में महिलाओं के लिए बड़ी रैली कर सकते हैं।
क्या है महिला आरक्षण बिल?
महिला आरक्षण बिल में लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रावधान किया गया है। सबसे पहले 12 सितंबर 1996 को देवगौड़ा की अगुआई वाली संयुक्त मोर्चा सरकार ने इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया था। पर तब यह बिल पास नहीं हो सका था। फिर मनमोहन सिंह की अगुआई वाले यूपीए सरकार में 9 मार्च 2010 को इसे राज्यसभा में पेश किया, जहां से यह बिल पास हो गया, लेकिन इसे बिल को लोकसभा में नहीं पेश किया जा सका।
राज्यसभा में पेश/पारित किए गए विधेयक समाप्त (Lapse) नहीं होते हैं। इसलिए महिला आरक्षण विधेयक अभी भी जीवित (Active) है और मोदी सरकार इसे अब संसद के मौजूदा सत्र के दौरान लोकसभा में लाने की तैयारी में है।