अगर किसी व्यक्ति का एंप्लॉयी प्रॉविडेंट फंड (EPF) में योगदान एक फाइनेंशियल ईयर में 2.5 लाख रुपये से अधिक है, तो उसे इस फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत से दो अलग एकाउंट रखने होंगे। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने इस बारे में नोटिफिकेशन जारी किया है।
इस वर्ष के बजट में PF में 2.5 लाख रुपये से अधिक के योगदान पर इंटरेस्ट को टैक्सेबल करने के बाद यह नियम बनाया गया है।
टैक्सपेयर को कैलकुलेशन में आसानी के लिए एक एकाउंट टैक्सेबल और एक नॉन-टैक्सेबल योगदान का होगा।
इस बारे में टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि CBDT ने बजट में की गई घोषणा के कारण बनी भ्रम की स्थिति को दूर कर दिया है। बजट में यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि लिमिट से अधिक योगदान होने पर इंटरेस्ट पर कैसे टैक्स लगाया जाएगा।
टैक्स की देनदारी का कैलकुलेशन टैक्सेबल एकाउंट से विड्रॉल को घटाने के बाद किया जाएगा।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि नए नियम से यह संकेत मिल रहा है कि आने वाले वर्षों में प्रॉविडेंट फंड पर मिलने वाला इंटरेस्ट पूरी तरह टैक्सेबल हो सकता है।