Income Tax: फॉर्म 16 से मिसमैच की वजह से भी रिफंड में हो रही देरी, जानिए क्या है पूरा मामला

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कई इनकम टैक्स रिटर्न में क्लेम किए गए एग्जेम्प्शन और फॉर्म 16 (Annexure II) के डेटा में मिसमैच मिले हैं। डिपार्टमेंट के मुताबिक, इस तरह की गड़बड़ियों की वजह से रिफंड का अमाउंट बढ़ा है। इसलिए ऐसे रिटर्न की प्रोसेसिंग में जांच बढ़ाई गई है

अपडेटेड Dec 23, 2025 पर 3:57 PM
Story continues below Advertisement
ऐसे टैक्सपेयर्स जिन्हें लगता है कि ऑरिजिनल रिटर्न में कोई गलती हो गई थी, वे रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर उसे ठीक कर सकते हैं।

कई सैलरीड टैक्सपेयर्स का रिफंड का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उन मामलों में रिफंड की प्रोसेसिंग अस्थायी रूप से रोक दी है, जिनमें रिटर्न फॉर्म 16 में सैलरी की डिटेल से मैच नहीं कर रहे। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ऐसे मामलों में सीधे टैक्सपेयर्स को ईमेल भेजे हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के इनटर्नल रिस्क चेक के तहत ज्यादा अमाउंट के रिफंड के में स्क्रूटनी बढ़ी है।

ज्यादा अमाउंट के रिफंड के मामलों में जांच बढ़ाई गई

Income Tax Department को कई इनकम टैक्स रिटर्न में क्लेम किए गए एग्जेम्प्शन और फॉर्म 16 (Annexure II) के डेटा में मिसमैच मिले हैं। डिपार्टमेंट के मुताबिक, इस तरह की गड़बड़ियों की वजह से रिफंड का अमाउंट बढ़ा है। इसलिए ऐसे रिटर्न की प्रोसेसिंग में जांच बढ़ाई गई है। आम तौर पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख के 2-3 हफ्तों के अंदर रिटर्न की प्रोसेसिंग हो जाती है। रिफंड आ जाता है।


डिपार्टमेंट ने सिर्फ रिफंड की प्रोसेसिंग रोकी है

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे मामलों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने प्रोसेसिंग को रोका है। उसने रिटर्न को रिजेक्ट नहीं किया है। मिसमैच की समस्या का समाधान होते ही रिफंड प्रोसेस हो जाएगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैक्सपेयर्स को यह देखने की जरूरत है कि उन्होंने हाउस रेंट अलाउन्स, लीव ट्रेवल अलाउन्स या डिडक्शन जैसे जितने एग्जेम्प्शन के क्लेम किए हैं, उनके सपोर्ट में डॉक्युमेंट दिए गए है या नहीं और वे फॉर्म 16 के डेटा से मैच करते हैं या नहीं।

रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर गलती ठीक की जा सकती है

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से भेजे मेल में एक चेतावनी भी है। इसमें कहा गया है कि अगर कोई एक्शन नहीं लिया जाता है तो माना जाएगा कि टैक्सपेयर ने जानबूझकर ऐसा किया है। फिर ऐसे मामलों की बाद में व्यापक जांच शुरू हो सकती है। सीए अशोक मेहता ने कहा, "टैक्स डिपार्टमेंट के हर नोटिस से डरने की जरूरत नहीं है। इसका मकसद वॉलेंटरी कंप्लायंस को बढ़ावा देना है ताकि पेनाल्टी लगाने की जरूरत न पड़े।"

रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर

डिपार्टमेंट ने जोर देते हुए कहा है कि 31 दिसंबर, 2025 रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख है। ऐसे टैक्सपेयर्स जिन्हें लगता है कि ऑरिजिनल रिटर्न में कोई गलती हो गई थी, वे रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर उसे ठीक कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें कोई अतिरिक्त टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अगर किसी गलती को ठीक करने के लिए टैक्सपेयर पहले ही रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर चुका है तो उसे डिपार्टमेंट के मेल पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।

टैक्सपेयर्स ऐसे चेक कर सकते हैं कोई गलती हुई है या नहीं

ऐसे टैक्सपेयर्स जिन्हें डिपार्टमेंट के मेल मिले हैं, वे ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग-इन कर सकते है। अपने रिटर्न के डेटा को फॉर्म 16 और फॉर्म 26एएस से मैच करा सकते हैं। अगर उन्हें अपने क्लेम में किसी तरह का मिसमैच नहीं दिखता और सभी डॉक्युमेंट्स दिए गए हैं तो उन्हें तुरंत किसी तरह का करेक्शन करने की जरूरत नहीं है। अगर उन्हें कोई गड़बड़ी नजर आती है तो रिटर्न को रिवाइज्ड करना ठीक रहेगा।

यह भी पढ़ें: Income Tax: एमएनसी कंपनियां एंप्लॉयीज को फॉरेन एसेट्स डिसक्लोज करने की दे रही सलाह, जानिए वजह

31 दिसंबर के बाद टैक्सपेयर्स के सामने विकल्प

अगर टैक्सपेयर्स 31 दिसंबर, 2025 तक रिवाइज्ड रिटर्न फाइल नहीं कर पाता है तो उसे अपडेटेड रिटर्न फाइल करना होगा। कुछ स्थितियों में उसे पेनाल्टी चुकानी पड़ सकती है। इसलिए टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मेल को पॉजिटिव रूप में लेना चाहिए।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।