Aequs IPO: कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग फर्म एक्वस का आईपीओ का प्राइस बैंड फिक्स हो चुका है। इश्यू खुलने पर निवेशक इसमें ₹118-₹124 के प्राइस बैंड में पैसे लगा सकेंगे। यह इश्यू अगले महीने 3 दिसंबर को खुलेगा। एंकर निवेशकों के लिए यह इश्यू 2 सितंबर को खुलेगा। इसके ₹921 करोड़ के आईपीओ के तहत नए शेयर जारी होंगे और साथ ही साथ ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत प्रमोटर्स और शेयरहोल्डर भी शेयरों की बिक्री करेंगे। ग्रे मार्केट में बात करें तो इसके शेयर ₹25 यानी 20.16% की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर हैं। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल के आधार पर ही निवेश का फैसला लेना चाहिए। आईपीओ की सफलता के बाद शेयरों की बीएसई और एनएसई पर एंट्री होगी।
एक्वस का ₹921.81 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 3-5 दिसंबर के बीच खुला रहेगा। इसके आईपीओ में ₹118-₹124 के प्राइस बैंड और 120 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकेंगे। इश्यू का 75% हिस्सा क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB), 15% नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स और 15% खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित रहेगा। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 8 दिसंबर को फाइनल होगा। फिर BSE और NSE पर 10 दिसंबर को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार केफिन टेक है।
इस आईपीओ के तहत ₹₹670.00 करोड़ के नए शेयर जारी होंगे। इसके अलावा ₹10 की फेस वैल्यू वाले 2,03,07,393 शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री होगी। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹433.17 करोड़ कर्ज हल्का करने, और बाकी पैसों का इस्तेमाल मशीनरी की खरीदारी, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों, अधिग्रहण और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होगा। कुछ पैसे सब्सिडरीज में भी निवेश होंगे।
वर्ष 2000 में बनी एक्वस मुख्य रूप से एयरोस्पेस सेगमेंट में काम करती है लेकिन पिछले कुछ सालों में इसने अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लास्टिक और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स को भी शामिल किया है। इसके कंज्यूमर प्रोडक्ट्स में कुकवेयर और छोटे होम एप्लायंसेज शामिल हैं। प्लास्टिक प्रोडक्ट्स में आउटडोर टॉयज, फिगरिन, टॉय व्हीकल शामिल हैं। कंपनी कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स में कंपोनेंट जैसे पोर्टेबल कंप्यूटर और स्मार्ट डिवाइसेज की पेश करती है। इसें एमिकस कैपिटल प्राइवेट इक्विटी, एमिकस कैपिटल पार्टनर्स, अमांसा इंवेस्टमेंट्स, स्टेडव्यू कैपिटल मॉरीशस, कटमारन एकम और स्पार्टा ग्रुप की प्री-ऑफर इक्विटी में 25.54% हिस्सेदारी है।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 में इसे ₹109.50 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2024 में घटकर ₹14.24 करोड़ रह गया। हालांकि अगले ही वित्त वर्ष 2025 में इसका घाटा रॉकेट की स्पीड से बढ़कर ₹102.35 करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की टोटल इनकम में भी उठा-पटक दिखी जोकि वित्त वर्ष 2023 में ₹840.54 करोड़ और वित्त वर्ष 2024 में ₹988.30 करोड़ से गिरकर वित्त वर्ष 2025 में ₹959.21 करोड़ पर आ गया। चालू वित्त वर्ष 2026 की बात करें तो पहली छमाही अप्रैल-सितंबर 2025 में कंपनी को ₹16.98 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ था और इस दौरान कंपनी को ₹565.55 करोड़ की टोटल इनकम हासिल हो चुकी है। सितंबर 2025 तिमाही के आखिरी में कंपनी पर ₹533.51 करोड़ का टोटल कर्ज था जबकि रिजर्व और सरप्लस में ₹200.43 करोड़ पड़े थे।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।