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Avaada Electro लेकर आ रही ₹10000 करोड़ तक का IPO, कॉन्फिडेंशियल रूट से ड्राफ्ट किया जमा

Avaada Electro IPO: अवाडा इलेक्ट्रो का दावा है कि वह भारत में एन-टाइप टॉपकॉन सोलर पीवी मॉड्यूल के दिग्गज प्रोड्यूसर्स में शामिल है। कॉन्फिडेंशियल DRHP मंजूर होने के बाद कंपनी को SEBI के पास अपडेटेड DRHP और फिर कंपनी रजिस्ट्रार के पास RHP जमा करना होता है

अपडेटेड Oct 20, 2025 पर 6:46 PM
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Avaada Electro के IPO में नए शेयरों के साथ-साथ ऑफर फॉर सेल भी रह सकता है।

ब्रुकफील्ड के निवेश वाले अवाडा ग्रुप की कंपनी अवाडा इलेक्ट्रो अपना IPO ला रही है। कंपनी ने इसके लिए कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास कॉन्फिडेंशियल ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) जमा किया है। IPO का साइज 9,000-10,000 करोड़ रुपये के बीच रह सकता है। अवाडा इलेक्ट्रो सोलर सेल और सोलर पीवी मॉड्यूल बनाती है। कॉन्फिडेंशियल रूट कंपनियों को लिस्टिंग पर अंतिम फैसले पर पहुंचने तक गोपनीयता की सुविधा देता है। अगर जरूरी हो तो वे बाद में बाजार की स्थितियों के आधार पर महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किए बिना ड्राफ्ट को वापस भी ले सकती हैं।

कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग कंपनियों को सेंसिटिव बिजनेस डिटेल्स या फाइनेंशियल मेट्रिक्स और रिस्क्स को गोपनीय रखने की इजाजत देती है, खासकर कॉम्पिटीटर्स से। दूसरी ओर स्टैंडर्ड DRHP (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) फाइलिंग के बाद एक पब्लिक डॉक्युमेंट बन जाता है। कॉन्फिडेंशियल DRHP मंजूर होने के बाद कंपनी को IPO के लिए SEBI के पास अपडेटेड DRHP और फिर कंपनी रजिस्ट्रार के पास RHP जमा करना होता है।

IPO के पैसों का कैसे होगा इस्तेमाल


ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि अवाडा इलेक्ट्रो के IPO में नए शेयरों के साथ-साथ ऑफर फॉर सेल भी रह सकता है। कंपनी अपने IPO में नए शेयरों को जारी कर हासिल होने वाली कमाई का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश में अतिरिक्त 5.1 गीगावाट सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के विकास के साथ-साथ महाराष्ट्र के बुटीबोरी प्लांट में अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए कर सकती है।

अवाडा इलेक्ट्रो का दावा है कि वह भारत में एन-टाइप टॉपकॉन सोलर पीवी (फोटो-वोल्टिक) मॉड्यूल के दिग्गज प्रोड्यूसर्स में शामिल है। इसकी ऑपरेशनल सोलर मॉड्यूल उत्पादन क्षमता 8.5 गीगावाट है। वित्त वर्ष 2027 तक इसके 5.1 गीगावाट क्षमता और जोड़ने की उम्मीद है। कुल क्षमता 13.6 गीगावाट हो जाएगी।

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क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 में सरकार की ओर से मजबूत सपोर्ट और पर्यावरणीय कारणों से 25-27 गीगावाट के अतिरिक्त सोलर प्रोजेक्ट देखने को मिलेंगे। FY24-FY30 के बीच भारत की प्रति व्यक्ति बिजली खपत 2.5-3 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ने की उम्मीद है। FY26-FY30 के दौरान भारत की सोलर कैपेसिटी 150 से 170 गीगावाट तक बढ़ने की उम्मीद है।

Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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