Curefoods India IPO: बेंगलुरु बेस्ड क्लाउड किचन स्टार्टअप Curefoods इंडिया ने सेबी के पास अपना DHRP दाखिल कर दिया है। इस आईपीओ में ₹800 करोड़ के नए शेयर जारी किए जाएंगे, और मौजूदा शेयरधारकों द्वारा 4.85 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री की पेशकश शामिल होगी। बता दें कि Curefoods इंडिया को फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिन्नी बंसल, Accel India, Iron Pillar और Alteria Capital Fund का समर्थन प्राप्त है।
अंकित नागौरी के स्वामित्व वाली Curefoods आईपीओ से पहले एंकर बुक के माध्यम से ₹160 करोड़ तक की धनराशि जुटाने पर विचार कर सकती है। यदि वह प्री-आईपीओ प्लेसमेंट को पूरा करने में सफल रहती है, तो नए इश्यू का आकार करीब ₹640 का हो जाएगा। IPO के बाद प्रमोटर अंकित नागौरी और बिन्नी बंसल के स्वामित्व वाली 3State Ventures Pte कंपनी में सबसे बड़े शेयरधारक होंगे, जिनकी हिस्सेदारी क्रमशः 27.80 प्रतिशत और 17.32 प्रतिशत होगी। इसके बाद आयरन पिलर (13.53 प्रतिशत), चिराते (8.23 प्रतिशत) और एक्सेल इंडिया वी (मॉरीशस) (7.17 प्रतिशत हिस्सेदारी) का स्थान होगा। Shardul Amarchand Mangaldas और Trilegal आईपीओ पर कानूनी सलाहकार हैं। वहीं JM Financial, IIFL Capital Services और Nuvama Wealth Management को Curefoods India IPO के लिए बुक रनिंग लीड मैनेजर्स के रूप में नियुक्त किया गया है।
कैसे होगा IPO से मिले पैसों का उपयोग
मल्टी-ब्रांड फूड सर्विसेज कंपनी फ्रेश इश्यू से प्राप्त ₹152.5 करोड़ की राशि का उपयोग क्रिसपी क्रीम ब्रांड के तहत नए क्लाउड किचन, रेस्तरां, कियोस्क और सेंट्रल किचन स्थापित करने; कुछ मौजूदा क्लाउड किचन के विस्तार; और मशीनरी और उपकरण खरीदने के लिए करने की योजना बना रही है। इसके अलावा कंपनी इश्यू से प्राप्त राशि के माध्यम से ₹126.9 करोड़ के कर्ज का भुगतान करेगी। बता दें कि अप्रैल 2025 तक, कंपनी पर ₹239.1 करोड़ का कर्ज था।
शेष धनराशि का उपयोग मौजूदा संपत्तियों के लिए लीज के पेमेंट, सहायक कंपनियों में निवेश, सहायक कंपनियों में अतिरिक्त शेयरधारिता का अधिग्रहण, बिक्री और व्यापार उपायों, और कई अधिग्रहणों के साथ सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के माध्यम से विकास के लिए किया जाएगा।
कंपनी का कारोबार और वित्तीय स्थिति
Curefoods India भारत के 70 से अधिक शहरों और कस्बों में पांच सेंट्रल किचन, 281 क्लाउड किचन, 99 कियोस्क, 122 रेस्तरां और 13 गोदामों के माध्यम से फूड सर्विसेज का कारोबार करती है। इसने मार्च 2025 को समाप्त वित्तीय वर्ष में ₹170 करोड़ का घाटा दर्ज किया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में ₹171.9 करोड़ के घाटे से थोड़ा कम है। वित्तीय वर्ष 2025 के दौरान राजस्व ₹745.8 करोड़ रहा, जो पिछले वित्तीय वर्ष के ₹585.1 करोड़ से 27.5 प्रतिशत अधिक है।