ECO Mobility IPO Subscription 3rd Day: कंपनियों को किराए पर कार मुहैया कराने वाली इको मोबिलिटी के आईपीओ को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला। तीन दिन में ओवरऑल यह 64 गुना से अधिक भर गया। पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल का इश्यू होने के बावजूद ₹601.20 करोड़ के आईपीओ को इतनी शानदार प्रतिक्रिया मिली। हालांकि ग्रे मार्केट में इसकी हालत पतली हो रही है। इश्यू खुलने के एक दिन पहले यह 194 रुपये यानी 58.08 फीसदी की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर था जो अब घटकर आईपीओ के अपर प्राइस बैंड से 125 रुपये यानी 37.43 फीसदी प्रीमियम पर रह गया है। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी की कारोबारी सेहत के हिसाब से आईपीओ में निवेश से जुड़े फैसले लेने चाहिए।
क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB)- 136.85 गुना
नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII)- 71.23 गुना
(सोर्स: बीएसई, 30 Aug 2024 | 05:24:00 PM)
ECO Mobility IPO की डिटेल्स
इको मोबिलिटी के ₹601.20 करोड़ के आईपीओ का प्राइस बैंड ₹318-₹334 और लॉट साइज 44 शेयरों का है। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 2 सितंबर को फाइनल होगा और फिर घरेलू मार्केट में 4 सितंबर को एंट्री होगी। इश्यू के लिए रजिस्ट्रार लिंक इनटाइम है। इस आईपीओ के तहत 2 रुपये की फेस वैल्यू वाले 1.80 करोड़ शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री हो रही है। कंपनी को इस इश्यू के जरिेए जुटाए पैसे नहीं मिलेंगे बल्कि शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा।
वर्ष 1996 में बनी इकोज (इंडिया) मोबिलिटी एंड हॉस्पिटैलिटी किराए पर कार मुहैया कराती है। इसकी ग्राहक फॉर्च्यून की 500 सबसे बड़ी कंपनियों में भी शुमार हैं। मार्च 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक देश के 21 राज्यों और 4 यूनियन टेरिटरीज के 109 शहरों में इसका कारोबार चल रहा है। वित्त वर्ष 2024 में इसकी 1100 से अधिक ग्राहक कंपनियां थीं। दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई और बेंगलुरु में तो यह खुद से ड्राइव करने वाले कार भी किराए पर देती है। इसके बेड़े में 12 हजार से अधिक कारें हैं जिसमें इकॉनमी, लग्जरी औऱ मिनी वैन के साथ-साथ लगेज वैन, विटेंज कार इत्यादि भी हैं।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022 में इसे 9.87 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 43.59 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 62.53 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 93 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 568.21 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।