पुणे स्थित एमक्योर फार्मास्यूटिकल्स (Emcure Pharmaceuticals) ने IPO के लिए एक बार फिर से मार्केट रेगुलेटर सेबी को ड्राफ्ट पेपर सबमिट किए हैं। कंपनी ने इस बार आईपीओ का साइज घटा दिया है। इस बार के आईपीओ में 800 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करने और मौजूदा शेयरधारकों की ओर से 1.37 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री ओएफएस के माध्यम से करने का प्लान है। 16 दिसंबर को दाखिल ड्राफ्ट पेपर के अनुसार, प्रमोटर और प्रमोटर समूह, ओएफएस में 49.85 लाख इक्विटी शेयर बेचेंगे, जबकि निवेशक बीसी इन्वेस्टमेंट्स IV 72.34 लाख इक्विटी शेयर बेचेगी।
एमक्योर फार्मा के प्रमोटर्स में सतीश रमनलाल मेहता और सुनील रजनीकांत मेहता शामिल हैं। इसके अलावा अरुणकुमार पुरुषोत्तमलाल खन्ना, बर्जिस मीनू देसाई और सोनाली संजय मेहता भी ओएफएस में शेयर बेचेंगे। कंपनी में प्रमोटर्स की 82.97 प्रतिशत हिस्सेदारी है और बाकी पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास है। निवेशकों में अमेरिका स्थित प्राइवेट इक्विटी फर्म बेन कैपिटल की सहयोगी बीसी इन्वेस्टमेंट्स IV भी शामिल है, जिसकी हिस्सेदारी 13.09 प्रतिशत है। कंपनी में शार्क टैंक इंडिया की जज रह चुकीं नमिता थापर (Namita Thapar) एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, इंडिया बिजनेस हैं।
पहले अगस्त 2021 में फाइल किए थे पेपर्स
इससे पहले एमक्योर फार्मा ने अगस्त 2021 में अपने आईपीओ के लिए ड्राफ्ट पेपर दाखिल किए थे, जिसमें 1,100 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 1.8 करोड़ इक्विटी शेयरों का ओएफएस शामिल था। उस वक्त 4,500-5,000 करोड़ रुपये की रेंज में फंड जुटाने का प्रस्ताव था। कंपनी को दिसंबर 2021 में आईपीओ प्लान को आगे बढ़ाने के लिए सेबी से मंजूरी भी मिल गई थी, लेकिन आईपीओ लॉन्च नहीं किया गया।
कुल उधारी 2,012.9 करोड़ रुपये
नए फाइल किए गए ड्राफ्ट पेपर्स के अनुसार, एमक्योर फार्मा आईपीओ में नए शेयरों को जारी कर मिले पैसों का इस्तेमाल सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के अलावा, मुख्य रूप से 640 करोड़ रुपये के लोन चुकाने के लिए करेगी। सितंबर 2023 तक कंपनी पर कुल उधारी 2,012.9 करोड़ रुपये थी। कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, एक्सिस कैपिटल, जेफरीज इंडिया और जेपी मॉर्गन इंडिया को इश्यू के लिए मर्चेंट बैंकर नियुक्त किया गया है।
FY23 में मुनाफा 561.8 करोड़ रुपये
एमक्योर फार्मा, भारत की 13वीं सबसे बड़ी फार्मा कंपनी है। यह भारत में स्त्री रोग और मानव इम्यूनोडिफीसिएंसी वायरस (HIV) एंटीवायरल चिकित्सीय क्षेत्रों में सबसे बड़ी दवा कंपनी है। इसकी मौजूदगी भारत, यूरोप और कनाडा समेत 70 देशों में है। वित्त वर्ष 2023 में एमक्योर फार्मा का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 20 प्रतिशत घटकर 561.8 करोड़ रुपये रहा था। ऑपरेशंस से रेवेन्यू 2.2 प्रतिशत बढ़कर 5,986 करोड़ रुपये रहा था। वहीं EBITDA (earnings before interest, tax, depreciation and amortisation) 11.2 प्रतिशत गिरकर 1,181.2 करोड़ रुपये पर आ गया था। अप्रैल से सितंबर 2023 तक, 6 माह की अवधि के दौरान कंपनी का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 31.3 प्रतिशत बढ़कर 286.8 करोड़ रुपये हो गया। इस बीच रेवेन्यू 15.3 प्रतिशत बढ़कर 3,219.3 करोड़ रुपये हो गया।