Enviro Infra Engineers IPO: वेस्ट-वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स (WWTPs) और वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट्स (WSSPs) पर काम करने वाली एन्वायरो इंफ्रा इंजीनियर्स के शेयरों का अलॉटमेंट फाइनल 27 नवंबर को फाइनल हो चुका है। अब इसके शेयरों की 29 नवंबर को बीएसई और एनएसई पर एंट्री होनी है। ग्रे मार्केट में इसकी GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) 52 रुपये चल रही है जिससे 35 फीसदी से अधिक के लिस्टिंग गेन की गुंजाइश दिख रही है। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय लिस्टिंग के दिन मार्केट के सेंटिमेंट और कंपनी के फंडामेंटल्स-फाइनेंशियल्स से लिस्टिंग गेन तय होता है।
Enviro Infra Engineers IPO को मिला था तगड़ा रिस्पांस
एन्वायरो इंफ्रा इंजीनियर्स के ₹650.43 करोड़ के आईपीओ में निवेशकों ने ₹140-₹148 के प्राइस बैंड और 101 शेयरों के लॉट में पैसे लगाए। एंप्लॉयीज को हर शेयर पर 13 रुपये का डिस्काउंट मिला है। इस इश्यू को हर कैटेगरी के निवेशकों का तगड़ा रिस्पांस मिला और ओवरऑल यह 89.90 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 157.05 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 153.80 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 24.48 गुना और एंप्लॉयीज का हिस्सा 37.77 गुना भरा था।
इस आईपीओ के तहत 572.46 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 52.68 लाख शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री हुई है। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिला है। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने, सब्सिडियरी ईआईईएल मथुरा इंफ्रा इंजीनियर्स में निवेश, कर्ज चुकाने, अधिग्रहण और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी। सब्सिडियरी आईपीओ के पैसों से मथुरा में हाइब्रिड एन्यूटी पर आधारित पीपीपी मोड में मथुरा सीवरेज स्कीम के तहत 60 एमएलडी एसटीपी बनाएगी।
Enviro Infra Engineers के बारे में
वर्ष 2009 में बनी एन्वायरो इंफ्रा इंजीनियर्स सरकारी एजेंसियों और कंपनियों के लिए वेस्ट-वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स (WWTPs) और वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट्स (WSSPs) पर काम करती है। WWTPs के तहत यह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs), सीवरेज स्कीम्स और कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स (CETPs) पर काम करती है। वहीं WSSPs के तहत यह वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स (WTPs) के साथ-साथ पंपिंग स्टेशंस और वाटर सप्लाई के लिए पाइप बिछाने पर काम करती है। जून 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक सात वर्षों में इसने कई राज्यों में 28 WWTPs और WSSPs डेवलप कर दिए हैं।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022 में इसे 34.55 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 54.98 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 110.54 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 80 फीसदी से अधिक की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़कर 738 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2024 में इसे 30.78 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 207.46 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हो चुका है।