Go Fashion IPO: महिलाओं के कपड़े बनाने वाली कंपनी Go Fashion के IPO का आज आखिरी दिन है। पिछले दो दिनों में कंपनी का इश्यू 6.87 गुना सब्सक्राइब हुआ है। कंपनी ने 1013.61 करोड़ रुपए का इश्यू लॉन्च किया था। इसका इश्यू प्राइस 655-690 रुपए है। जबकि ग्रे मार्केट में इसके अनलिस्टेड शेयर 470 रुपए प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं।
GMP क्या दे रहे हैं संकेत?
बाजार के जानकारों के मुताबिक, Go Fashion के IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) सोमवार को 470 रुपए है जो एक दिन पहले के मुकाबले 30 रुपए कम है। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि कंपनी के GMP में गिरावट अनुमान के मुताबिक ही है। पिछले एक हफ्ते से Go Fashion IPO का GMP 500 रुपए के करीब घूम रहा था। बाजार के जानकारों का कहना है कि ग्रे मार्केट प्रीमियम की मजबूती से निवेशकों के मजबूत सेंटीमेंट का पता चल रहा है। ऐसे में उम्मीद है कि इसका असर सब्सक्रिप्शन पर भी पड़ेगा।
मौजूदा GMP के हिसाब से देखें तो Go Fashion के शेयरों की लिस्टिंग 1160 (690+470) रुपए पर हो सकती है। यह कंपनी के अपर प्राइस बैंड से 70% ज्यादा है।
क्या निवेश के लिए ठीक है?
Angel Broking के मुताबिक, वैल्यूएशन के लिहाज से देखें तो इश्यू जारी होने के बाद FY 2020 के लिए कंपनी का EV/EBITDA -30.2X है। यह कंपनी की प्रतिद्वंदी कंपनी TCNS Clothing के बराबर ही है। Go Fashion के रेवेन्यू ग्रोथ का ट्रैक रिकॉर्ड काफी अच्छा है। हायर ऑपरेटिंग मार्जिन और हाई रिटर्न ऑन इक्विटी (RoE) भी TCN Clothing के जैसा ही है।
Angel Broking के मुताबिक, कंपनी का वैल्यूएशन वाजिब लेवल पर है और इस आधार पर ब्रोकरेज फर्म ने इसके IPO में निवेश की सलाह दी है। हालांकि बाजार के जानकारों ने निवेशकों को चेताया है कि सिर्फ ग्रे मार्केट प्रीमियम को आधार बनाकर निवेश नहीं करना चाहिए। निवेश करने से पहले कंपनी की वित्तीय स्थिति को समझना जरूरी है।
Mint के मुताबिक, प्रॉफिटमार्ट सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अविनाश गोरक्षकर ने कहा, "ग्रे मार्केट प्रीमियम लिस्टिंग गेन की गारंटी नहीं है। इसलिए, हर किसी को कंपनी की वित्तीय स्थिति को देखना चाहिए।" उन्होंने कहा, "1013.61 करोड़ रुपए के IPO में सिर्फ 125 करोड़ रुपए का फ्रेश इश्यू है। साथ ही इश्यू का वैल्यूएशन भी ज्यादा है। टैक्सटाइल सेक्टर में हालिया चर्चा के कारण इस इश्यू में कुछ तेजी की उम्मीद की जा सकती है। इसलिए, बिडर्स को सलाह दी जाती है कि वे GMP पर निर्भर होने के बजाय कंपनी की बैलेंस शीट को बहुत बारीकी से देखें।"