HDB Financial Services IPO: HDFC Bank की सब्सिडियरी HDB फाइनेंशियल सर्विसेज के पब्लिक इश्यू की डेट फाइनल हो गई हैं। यह 25-27 जून के बीच खुलेगा। इसका साइज 12500 करोड़ रुपये है। एंकर निवेशक 24 जून को बोली लगा सकेंगे। HDFC Bank ने 19 जून को एक्सचेंज फाइलिंग के जरिए इस बारे में जानकारी दी। एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज के पब्लिक इश्यू में 2,500 करोड़ रुपये के नए इक्विटी शेयर रहेंगे। साथ ही प्रमोटर HDFC Bank की ओर से 10,000 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल रहेगा। अभी HDFC Bank के पास कंपनी में 94.3% हिस्सेदारी है।
कंपनी ने अक्टूबर 2024 में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया था। इसे इस साल जून की शुरुआत में SEBI से मंजूरी मिली।
नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) HDB फाइनेंशियल सर्विसेज को शेयर बाजारों में लिस्ट कराने का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से अक्टूबर 2022 में जारी किए गए एक आदेश का पालन करता है। इस फैसले के तहत अपर लेयर नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) के तौर पर कैटेगराइज NBFC के लिए, इस कैटेगरी में नोटिफाई किए जाने के 3 साल के अंदर यानि सितंबर 2025 तक स्टॉक एक्सचेंजेस में लिस्ट होना जरूरी है। HDB फाइनेंशियल सर्विसेज इसी कैटेगरी में आती है।
IPO के पैसों का कैसे होगा इस्तेमाल
IPO में 2500 करोड़ रुपये के नए शेयरों को जारी कर हासिल होने वाली इनकम का इस्तेमाल कंपनी के टियर-1 कैपिटल बेस को मजबूत करने के लिए किया जाएगा, ताकि भविष्य की पूंजी जरूरतों को पूरा किया जा सके। प्रपोज्ड IPO के बावजूद HDB फाइनेंशियल सर्विसेज, HDFC Bank की सहायक कंपनी बनी रहेगी। कंपनी 1,680 शाखाओं के माध्यम से काम करती है। इसके सबसे बड़े लोन सेगमेंट्स में व्हीकल फाइनेंस और प्रॉपर्टी के एवज में लोन शामिल हैं।
कितनी पोस्ट मनी वैल्यूएशन का टारगेट
एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज अपने IPO के अपर प्राइस बैंड पर 7.2 अरब डॉलर यानि लगभग 62000 करोड़ रुपये की पोस्ट मनी वैल्यूएशन टारगेट कर रही है। HDB फाइनेंशियल सर्विसेज की वित्त वर्ष 2022-23 में लोन बुक सालाना आधार पर 17 प्रतिशत बढ़कर 66,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी का ऑपरेशंस से कुल रेवेन्यू सालाना आधार पर बढ़कर 14,171 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले यह 12,402 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2024 में मुनाफा भी बढ़कर 2,460 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2023 में 1,959 करोड़ रुपये था।
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