HDB Financial Services IPO: HDFC Bank की सब्सिडियरी HDB फाइनेंशियल सर्विसेज जल्द ही अपना IPO लॉन्च करने जा रही है। IPO से पहले कंपनी के शेयरों में अनलिस्टेड मार्केट में बड़ी गतिविधि देखी गई है। कंपनी ने अक्टूबर में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया था, जिससे पिछले महीने कंपनी के अनलिस्टेड शेयर की कीमतों में तेज उछाल आया। हालांकि कीमतें तब से कम हुई हैं, लेकिन 1,000 रुपये के मार्क से ऊपर बनी हुई हैं। यह इस दर्शाता है कि निवेशकों की HDB Financial Services के IPO और शेयरों में रुचि बनी हुई है।
HDB फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयर वर्तमान में अनलिस्टेड मार्केट में 1,295 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे हैं। 20 अक्टूबर के आसपास, शेयर 1,450 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे। HDB फाइनेंशियल सर्विसेज को शेयर बाजारों में लिस्ट कराने का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से अक्टूबर 2022 में जारी किए गए एक आदेश का पालन करता है। इस फैसले के तहत अपर लेयर नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) के तौर पर कैटेगराइज NBFC का, इस कैटेगरी में नोटिफाई किए जाने के 3 साल के अंदर यानी सितंबर 2025 तक स्टॉक एक्सचेंजेस में लिस्ट होना जरूरी है।
IPO से 12,500 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान
कंपनी की फाइलिंग के अनुसार, प्रपोज्ड IPO के बावजूद एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज, HDFC Bank की सहायक कंपनी बनी रहेगी। कंपनी का प्लान IPO से 12,500 करोड़ रुपये जुटाने का है। IPO में नए शेयरों के साथ-साथ ऑफर फॉर सेल (OFD) भी रहेगा। OFS के माध्यम से HDFC Bank 10000 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर बेचेगा। 2500 करोड़ रुपये के नए शेयरों को जारी कर हासिल होने वाली इनकम का इस्तेमाल कंपनी के टियर-1 कैपिटल बेस को मजबूत करने के लिए किया जाएगा, ताकि भविष्य की पूंजी जरूरतों को पूरा किया जा सके।
HDB Financial Services की वित्तीय स्थिति
HDFC Bank के पास HDB फाइनेंशियल सर्विसेज में 94.64% हिस्सेदारी है। वित्त वर्ष 2022-23 में HDB फाइनेंशियल सर्विसेज की लोन बुक सालाना आधार पर 17 प्रतिशत बढ़कर 66,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी का ऑपरेशंस से कुल रेवेन्यू सालाना आधार पर बढ़कर 14,171 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले यह 12,402 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2024 में मुनाफा भी बढ़कर 2,460 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 2023 में 1,959 करोड़ रुपये था।