Hyundai IPO: हुंडई मोटर इंडिया के आईपीओ को रिटेल निवेशकों का फीका रिस्पॉन्स मिला और उनके लिए रिजर्व हिस्सा महज 50 फीसदी ही सब्सक्राइब हो सका। हालांकि, अंतिम दिन तक यह पब्लिक इश्यू ओवरऑल 2.37 गुना भर गया। इस आईपीओ में सबसे अधिक बोली क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) ने लगाई और उनके लिए रिजर्व हिस्सा करीब 7 गुना सब्सक्राइब हो गया। अब कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग NSE और BSE पर 22 अक्टूबर को होनी है। दूसरी ओर, इस आईपीओ के ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में भी लगातार गिरावट देखी गई है।
आखिर क्या वजह है कि देश के सबसे बड़े आईपीओ में निवेशकों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई? आखिर क्यों प्राइस बैंड की घोषणा के साथ ही इस आईपीओ के GMP में लगातार गिरावट देखी गई? इसके साथ ही सवाल यह भी है कि क्या लिस्टिंग पर निवेशकों को कोई मुनाफा होने की संभावना है? यहां एक्सपर्ट्स ने इन सभी सवालों का जवाब दिया है।
Hyundai IPO में रिटेल निवेशकों ने क्यों नहीं दिखाई दिलचस्पी?
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में विश्लेषकों के हवाले से कहा गया है कि रिटेल निवेशकों की मांग सुस्त रही क्योंकि हाई वैल्यूएशन, शेयरों के ग्रे मार्केट प्रीमियम में गिरावट और त्योहारी सीजन के दौरान ऑटो सेक्टर में कुल मिलाकर कमजोर डिमांड के चलते निवेशकों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर और रिसर्च हेड जी चोकालिंगम ने बताया कि रिटेल निवेशकों की ओर से कमजोर डिमांड का कारण यह है कि अतीत में इस तरह के बड़े पब्लिक इश्यू ने लिस्ट होने के बाद निराश किया है।दूसरी वजह पैसेंजर व्हीकल की बिक्री में गिरावट रही। उन्होंने कहा, "एसयूवी (स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल) सेगमेंट, जो हुंडई मोटर इंडिया का फोकस एरिया है, पहले मजबूत डबल डिजिट में बढ़ता था, लेकिन अब यह सेगमेंट सिंगल डिजिट में बढ़ रहा है।"
लगातार क्यों घटता गया Hyundai IPO का GMP
मार्केट एनालिस्ट अंबरीश बालिगा ने कहा कि सब्सक्रिप्शन शुरू होने से कुछ दिन पहले कंपनी ने जारी किए जाने वाले शेयरों की अंतिम संख्या की घोषणा की थी, और इसलिए उम्मीद थी कि आईपीओ 25000 करोड़ रुपये का होगा। उन्होंने कहा, "लगभग 28000 करोड़ रुपये के फाइनल आईपीओ साइज के साथ, प्राइसिंग उम्मीद से 11-12 फीसदी अधिक हो गया। इसके कारण, आईपीओ का ग्रे मार्केट मूल्य भी गिर गया।"
Hyundai IPO का लेटेस्ट GMP
इन्वेस्टरगेन के अनुसार, हुंडई मोटर्स वर्तमान में ग्रे मार्केट में ₹45 के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है, जो कि आईपीओ प्राइस ₹1960 से महज 2.3 फीसदी अधिक है। इसका मतलब है कि हुंडई मोटर्स की अनुमानित लिस्टिंग प्राइस ₹2005 होने की संभावना है। इसका सबसे कम GMP 0 रुपये दर्ज किया गया है, और सबसे अधिक GMP ₹570 है। हालांकि, ध्यान रहे कि ग्रे मार्केट की स्थिति में लगातार बदलाव होती रहती है। हुंडई मोटर इंडिया इंडियन पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में मारुति सुजुकी इंडिया के बाद करीब 15 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ दूसरी सबसे बड़ी ऑटो OEM (ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर) है।
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