हुंडई मोटर का आईपीओ 15 अक्टूबर को खुल जाएगा। यह अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। हुंडई ब्रांड काफी स्ट्रॉन्ग है। इंडिया में लाखो लोग इस कंपनी की कार या एसयूवी का इस्तेमाल कर रहे हैं। कंपनी ने आईपीओ के लिए 1,865-1,960 रुपये का प्राइस बैंड रखा है। ऊपरी प्राइस बैंड पर इस आईपीओ का साइज 27,870 करोड़ रुपये होगा। इसके हिसाब से कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1,59,258 करोड़ रुपये होगा।
कार बनाने वाली इंडिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी
कार, एसयूवी, एमयूवी में बाजार हिस्सेदारी के लिहाज से इंडिया में Hyundai Motor दूसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर Maruti Suzuki है। हुंडई की खास बात यह है कि इसके पास गाड़ियों की व्यापक रेंज है। हर ग्राहक की जरूरत के हिसाब से इसके पास ऑप्शन है। घरेलू मार्केट में मजबूत स्थिति के साथ ही कंपनी काफी एक्सपोर्ट भी करती है। मॉडल्स की व्यापक रेंज की बदौलत यह मारुति सुजुकी से आगे निकल जाती है।
एसयूवी मार्केट की लीडर है हुंडई मोटर
इंडिया में पिछले कुछ सालों में SUV में ग्राहकों की दिलचस्पी काफी बढ़ी है। इसका सबसे ज्यादा फायदा हुंडई को मिला है। कंपनी ने इंडिया में 3,89,000 SUV बेची है। इस तरह यह इंडिया में एसयूवी में पहले पायदान पर है। दूसरी ऑटो कंपनियां भी एसयूवी सेगमेंट में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन, वे अभी हुंडई के मुकाबले काफी पीछे हैं। चूंकि एसयूवी प्रीमिमय सेगमेंट की गाड़ी है, जिससे इसमें मार्जिन ज्यादा है।
मार्जिन में 100 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा
इंडिया में हुंडई की कुल सेल्स (वॉल्यूम के लिहाज से) में एसयूवी की हिस्सेदारी 63 फीसदी है। अगर मारुति की बात करें तो उसकी कुल सेल्स (वॉल्यूम के लिहाज से) में एसयूवी की हिस्सेदारी सिर्फ 36 फीसदी है। FY22-FY24 के दौरान हुंडई के एवरेज सेलिंग प्राइस (ASPs) का कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट 7.4 फीसदी रहा है। इस दौरान कंपनी का मार्जिन 100 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ा है। बेहतर प्रोडक्ट मिक्स की वजह से FY21 से FY22 के दौरान कमोडिटीज की कीमतों में उछाल का हुंडई पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
इंपोर्ट पर निर्भरता जल्द घटने की उम्मीद
हुंडई अभी 20 फीसदी कंपोनेंट (कुल सेल्स से लिहाज से) का इंपोर्ट करती है। इसमें ज्यादा हिस्सेदारी सेमीकंडक्टर की है। इंडिया में सरकार ने सेमीकंडक्टर के घरेलू उत्पादन पर फोकस बढ़ाया है। इससे आगे हुंडई के इंपोर्ट में कमी देखने को मिल सकती है। इससे कंपनी का मार्जिन बढ़ेगा। हुंडई का ऑपरेटिंग मॉडल स्ट्रॉन्ग है। इसके प्लांट्स में तीन शिफ्ट में काम होता है। इससे इसका एसेट टर्नओवर 10 गुना है, जबकि मारुति का 8 गुना है।
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क्या आपको निवेश करना चाहिए?
हुंडई ने आईपीओ में शेयर का जो प्राइस रखा है, उसके हिसाब से FY27 की अनुमानित अर्निंग्स के आधार पर इसका पी/ई 19.3 गुना है। कंपनी की कमाई की संभावना को देखते हुए यह सही लगता है। मारुति के शेयरों के मुकाबले हुंडई का स्टॉक FY24 के ट्रेलिंग पी/ई के आधार पर 12 फीसदी डिस्काउंट पर उपलब्ध है। इसका मतलब है कि कंपनी ने इनवेस्टर्स के कुछ वैल्यू छोड़ी है। इससे शेयरों की लिस्टिंग प्रीमियम पर हो सकती है। कंपनी ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर फोकस बढ़ाया है। इसका फायदा आने वाले सालों में दिखेगा।