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Lalithaa Jewellery Mart के आईपीओ से पहले मजेदार जानकारी सामने आई, ब्रांड एम्बेसडर की आड़ में प्रमोटर को बड़ा पेमेंट

Lalithaa Jewellery Mart ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में एम किरण कुमार जैन को 50.2 करोड़ रुपये का पेमेंट किया। उन्हें फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए 9 करोड़ रुपये का पेमेंट किया गया। कंपनी ने उन्हें अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाने के लिए ये पेमेंट किए

अपडेटेड Jun 24, 2025 पर 3:43 PM
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रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस से मिली इस जानकारी ने मार्केट एक्सपर्ट्स के कान खड़े कर दिए हैं।

ललिता ज्वैलरी मार्ट का आईपीओ मुश्किल में फंस सकता है। कंपनी ने आईपीओ के लिए सेबी को जो ड्राफ्ट डॉक्युमेंट्स सौंपे थे, उससे ब्रांड एम्बेसडर के नाम पर कंपनी के प्रमोटर एम किरण कुमार जैन को बड़ा अमाउंट चुकाने का मामला सामने आया है। कंपनी ने 13 जुन को सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस फाइल किया था। कंपनी का आईपीओ से 1,700 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान है। आइए इस दिलचस्प मामले को समझते हैं।

प्रमोशन के लिए प्रमोटर को करोड़ों का पेमेंट

Lalithaa Jewellery Mart ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में एम किरण कुमार जैन को 50.2 करोड़ रुपये का पेमेंट किया। उन्हें फाइनेंशियल ईयर 2021-22 के लिए 9 करोड़ रुपये का पेमेंट किया गया। कंपनी ने उन्हें अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाने के लिए ये पेमेंट किए। FY24 में कंपनी के 82.5 करोड़ रुपये के कुल मार्केटिंग खर्च में जैन को किए गए पेमेंट की हिस्सेदारी 60 फीसदी से ज्यादा है। अगर FY22 की बात की जाए तो प्रमोशन पर हुए कंपनी के कुल खर्च में जैन को किए गए पेमेंट की हिस्सेदारी 30 फीसदी थी। FY23 में जैन को ब्रांड एम्बेसडर के लिए कोई फीस नहीं चुकाई गई। लेकिन, कंपनी के डायरेक्टर के रोल के लिए उन्हें कंपसेशन दिया गया।

कॉर्पोरेट गवर्नेंस को लेकर गंभीर सवाल


रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस से मिली इस जानकारी ने मार्केट एक्सपर्ट्स के कान खड़े कर दिए हैं। कंपनी के प्रमोटर के ब्रांड एम्बेसडर बनने और बतौर फीस इतने बड़े अमाउंट के पेमेंट का यह मामला अजीबोगरीब लगता है। इससे कॉर्पोरेट गवर्नेंस को लेकर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। अगर जैन को ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया तो उनकी फीस किस आधार पर तय की गई? क्या इस फीस को तय करने के लिए किसी इंडिपेंडेंट कंसल्टेंसी फर्म की सलाह ली गई?

प्रमोटर कंपनी का चेहरा होता है

प्रॉक्सी एडवायजरी फर्म InGovern के फाउंडर श्रीराम सुब्रमणियन ने कहा, "कंपनी के प्रमोटर्स दरअसल ग्राहकों, इनवेस्टर्स, वेंडर्स और बैंकर्स के लिए कंपनी का चेहरा होते हैं। अगर वे ब्रांड को प्रमोट कर रहे हैं तो उन्हें इसके लिए कोई फीस नहीं लेनी चाहिए। इससे हितों का टकराव पैदा होता है। यह कॉर्पोरेट गवर्नेंस के लिहाज से भी ठीक नहीं है।" अगर कोई कंपनी आईपीओ पेश करना चाहती है तो उससे जुड़ी छोटी-बड़ी हर बात ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस में सामने आ जाती है।

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ब्रांडेड ज्वैलरी कंपनियां सेलिब्रिटी को बनाती हैं ब्रांड एम्बेसडर्स

ललिता ज्वैलरी ने इस बारे में पूछे गए मनीकंट्रोल के सवालों के जवाब नहीं दिए। कंपनी ने ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस में कहा है कि उसने किसी दूसरे सेलिब्रिटी को ब्रांड एम्बेसडर नहीं बनाया। उसने किसी इनफ्लूएंसर्स की सेवाएं भी नहीं ली। यह दूसरी ब्रांडेड ज्वैलरी कंपनियों की स्ट्रेटेजी से अलग है। उदाहरण के लिए Kalyan Jewellers ने अमिताभ बच्चन और नागार्जुन को अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाया है। Joyalukkas ने काजोल और ऋतिक रौशन को अपना ब्रांड एम्बेसडर्स बनाए हैं।

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