सरकार के लिए अच्छी खबर है। कम से कम पांच म्यूचुअल फंडों ने कहा है कि वे LIC के आईपीओ में इनवेस्ट करेंगे। इनमें देश के सबसे बड़े म्यूचुअल फंड्स शामिल हैं। एसबीआई म्यूचुअल फंड (SBI Mutual Fund), आदित्य बिड़ला एसएल म्यूचुअल फंड (Aditya Birla SL Mutual Fund), एचडीएफसी म्यूचुअल फंड (HDFC Mutual Fund) और कोटक म्यूचुअल फंड (Kotak Mutual Fund) में से प्रत्येक एलआईसी के आईपीओ में 150 से 1,000 करोड़ रुपये इनवेस्ट करेंगे। एलआईसी को रिटेले इनवेस्टर्स का भी अच्छा रिस्पॉन्स मिलने की उम्मीद है।
एलआईसी का मानना है कि उसके आईपीओ में रिटेल कैटेगरी में कम से कम 70 लाख अप्लिकेशंस आ सकते हैं। यह पिछले फाइनेंशियर ईयर में आईपीओ के लिए कुल रिटेल अप्लिकेशंस के पांच गुना से ज्यादा है। अंग्रेजी बिजनेस वेबसाइट इकोनॉमिक टाइम्स ने यह खबर दी है। उसने सूत्रों के हवाले से यह बताया है।
सिंगापुर के जीआईसी और नॉर्वे के सेंट्रल बैंक नोर्गेस बैंक और बीएनपी पारिबा के भी एलआईसी के आईपीओ में इनवेस्ट करने की संभावना है। एक सूत्र ने बताया, "ये सभी इनवेस्टर्स एंकर और मेन बुक्स पर आ सकते हैं।" बताया जाता है कि देश के सबसे इश्यू को लेकर रिटेल इनवेस्टर्स में काफी उत्साह है। यह आईपीओ बुधवार को खुल जाएगा।
उम्मीद है कि अमीर इनेवस्टर्स सहित रिटेल निवेशकों की तरफ से 8,609 से 9,068 करोड़ रुपये की बोली लगाई जा सकती है। करीब 50 फीसदी रिटेल सब्सक्रिप्शन महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान जैसे पश्चिमी राज्यों से आने की उम्मीद है। इनवेस्टमेंट बैंकर्स ने इस इश्यू के लिए देश के कई बड़ों शहरों में रोड शो किए हैं। इनमें मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, अहमदाबाद शामिल हैं। इस इश्यू के लिए रोड शो सोमवार को खत्म हो जाएंगे।
पिछले फाइनेंशियल ईयर में 52 कंपनियों ने IPO के जरिए 1.11 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे। प्राइम डाटा बेस के मुताबिक, एवरेज रिटेल सब्सक्रिप्शन 14.07 लाख करोड़ रुपये था। एलआईसी के आईपीओ में इवेस्टमेंट पर रिटेल इनवेस्टर्स को 45 रुपये का डिस्काउंट मिलेगा। इस वजह से भी रिटेल इनवेस्टर्स में इस इश्यू को लेकर खासा उत्साह है। एलआईसी के पॉलिसीहोल्डर्स को इस इश्यू में 60 रुपये का डिस्काउंट मिलेगा।
एलआईसी की स्थापना 1 सितंबर, 1956 को हुई थी। इसके लिए 245 प्राइवेट लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों का राष्ट्रीयकरण किया गया। फिर इन्हें मर्ज किया गया। इसकी शुरुआती कैपिटल 5 करोड़ थी। स्थापना से लेकर साल 2000 तक यह देश की एकमात्र लाइफ इंश्योरेंस कंपनी थी।