LIC IPO : डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक असेट मैनेजमेंट (DIPAM) सचिव तुहीन कांत पांडे ने कहा कि सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से तीन हफ्ते की विंडो के भीतर एलआईसी के IPO को मंजूरी मिलने का अनुमान है। उन्होंने सीएनबीसी टीवी-18 के साथ बातचीत में यह बात कही। लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (Life Insurance Corporation) ऑफ इंडिया ने सेबी में ड्राफ्ट पेपर जमा करके IPO की दिशा में एक कदम बढ़ाया था। इस IPO के भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होने का अनुमान है।
LIC ने ऑफर फॉर सेल के जरिये 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए सेबी (SEBI) को ड्राफ्ट रेड हियरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) सौंपा था। इस इश्यू में IPO का 35 फीसदी रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व रखा जाएगा। प्रॉस्पेक्टस में इसकी एम्बेडेड वैल्यू 5.39 लाख करोड़ रुपये होने का उल्लेख किया गया है।
पॉलिसीहोल्डर्स और कर्मचारियों के लिए रिजर्वेशन की सीमा अभी तय नहीं
पॉलिसीहोल्डर्स और कर्मचारियों के लिए रिजर्वेशन की सीमा पर पांडे ने कहा कि इस पर बाद में फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा, “डीआरएचपी एक ड्राफ्ट का चरण है और हमारे कुछ आउटरीज प्रोग्राम है। हमें अपने मर्चेंट बैंकर्स, एडवाइजर्स के साथ आंतरिक स्तर पर काम करने की जरूरत है। समय के साथ हम वास्तविक सीमा का ऐलान कर सकते हैं।”
बीमा उद्योग एक दीर्घकालिक उद्योग
LIC की वैल्युएशन पर दीपम (DIPAM) सचिव ने कहा, “हमारे पास एम्बेडेड वैल्यू का कॉन्सेप्ट है, जो बीमा उद्योग के लिए खास है। बीमा उद्योग एक दीर्घकालिक उद्योग है। प्रीमियम आदि फंड की कॉस्ट अग्रिम उठानी पड़ती है और प्रॉफिट, सरप्लस आदि बाद में आता है।”
फीडबैक से तय होगी वैल्युएशन
उन्होंने कहा कि आंतरिक विश्लेषण से मिले फीडबैक और इनपुट्स के आधार पर सरकार एक निश्चित वैल्युएशन तय करने में सक्षम होगी। उन्होंने कहा, “LIC एक मजबूत कंपनी है, अच्छा निगम है, लंबी अवधि में इसका निर्माण हुआ है। अच्छी बैलेंसशीट है, इसका अच्छा फ्यूचर है। इसलिए, यह जाना माना नाम है और मुझे भरोसा है कि हमें इनवेस्टर्स से अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी।”