सिंगापुर की पीई फर्म टेमासेक और मणिपाल हॉस्पिटल्स ने जुलाई में सह्याद्री हॉस्पिटल्स को खरीदने के बाद दोबारा आईपीओ के बारे में सोचना शुरू कर दिया है। दोनों ने एडवाइजर्स से नई वैल्यूएशन के बारे में पूछा है। इस मामले की जानकारी रखने वाले कई स्रोतों ने इस बारे में मनीकंट्रोल को बताया। एक सूत्र ने कहा कि जब मणिपाल हॉस्पिटल्स सह्याद्री हॉस्पिटल्स के कॉम्पटिटिव ऑक्शन के लिए बोली लगा रहा था तब आईपीओ के प्लान को रोक दिया गया था। मणिपाल हॉस्पिटल्स अब सीसीआई के एप्रूवल के बाद फिर से आईपीओ का प्रोसेस जल्द शुरू कर देना चाहता है।
इनवेस्टमेंट बैंकर्स को नई वैल्यूएशन के बारे में बताने को कहा
मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, "बाजार की अभी की स्थितियों को देखते हुए इनवेस्टमेंट बैंकर्स से नई वैल्यूएशन के बारे में बताने को कहा गया है।" दो लोगों ने बताया कि पहले लिस्टिंग के लिए कोटक महिंद्रा कैपिटल, एक्सिस कैपिटल, जेफरीज, गोल्डमैन सैक्स, जेपी मॉर्गन और मोतीलाल ओसवाल को आई-बैंकर्स नियुक्त किया गया था। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर दूसरे बैंक भी सिंडिकेट में शामिल हो सकते हैं।
एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकती है वैल्यूएशन
एक चौथे व्यक्ति ने बताया, "अभी मामला शुरुआती चरण में है और वैल्यूएशन का टारगेट फाइनल नहीं किया गया है। लेकिन, देश भर में मौजूद इस हॉस्पिटल चेन की वैल्यूएशन 1 लाख करोड़ रुपये (11.3 अरब डॉलर) से ज्यादा हो सकती है। इस हॉस्पिटल्स के 12,000 से ज्यादा बेड हैं। अगर वैल्यूएशन इतनी रहती है तो मणिपाल हॉस्पिटल्स को आईपीओ के नए नियमों का फायदा मिल सकता है। हाल में सेबी ने बड़ी कंपनियों के लिए आईपीओ के नियमों को आसान बनाया है। यह 2026 का बड़ा आईपीओ हो सकता है। इसे इनवेस्टर्स का अच्छा रिस्पॉन्स मिल सकता है।"
टेमासेक ने आईपीओ के प्लान के बारे में कुछ बताने के इनकार किया
सभी चारों लोगों ने अपने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर ये जानकारियां दीं। इस बारे में पूछने पर टेमासेक ने कहा, "हम उन कंपनियों की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं करते हैं, जिनमें हमारा निवेश है। हम बाजार में चल रहे अटकलों पर भी प्रतिक्रिया नहीं देते हैं। आप इस बारे में सीधे मणिपाल हॉस्पिटल्स से बात कर सकते हैं।" इस बारे में मणिपाल हॉस्पिटर्स, डॉ रंजन पई और इनवेस्टमेंट बैंकों को भेजे गए ईमेल के जवाब नहीं आए।
मणिपाल को मिल सकता है आईपीओ के नए नियमों का फायदा
सेबी ने पिछले हफ्ते बड़ी कंपनियों के लिए आईपीओ के नियम आसान किए। इसके मुताबिक, इश्यू के बाद 1 लाख करोड़ से 5 लाख करोड़ तक के मार्किट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनी को कम से कम 6,250 करोड़ रुपये के पब्लिक ऑफर और इश्यू के बाद कम से कम 2.75 फीसदी डायल्यूशन के नियम का पालन करना होगा। पहले ऐसी कंपनियों के लिए कम से कम 5000 करोड़ रुपये का पब्लिक ऑफर और 5 फीसदी डायल्यूशन जरूरी था।
मणिपाल हॉस्पिटल्स ने जुलाई में सह्याद्री के अधिग्रहण का ऐलान किया था
मणिपाल हॉस्पिटल्स ने 9 जुलाई को सह्याद्री हॉस्पिटल्स के अधिग्रहण का ऐलान किया था। इससे मणिपाल को देश के पश्चिमी इलाके में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी। मणिपाल हॉस्पिटल्स का हेडक्वार्टर बेंगलुरु में है, जबकि सह्याद्री पुणे का हॉस्पिटल चेन है। इस डील को 2 सितंबर को कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) की मंजूरी मिल गई। इस डील के एक महीने में पूरी हो जाने का अनुमान है। टीएमए पई ने 1953 में मणिपाल ग्रुप की शुरुआत की थी। अभी चेयरमैन डॉ रंजन पई और ग्रुप एजुकेश और हेल्थ इंश्योरेंस (मणिपाल सिग्ना) में भी मौजूद हैं।