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MobiKwik IPO: 11 दिसंबर को खुलने वाला है ₹572 करोड़ का इश्यू, ग्रे मार्केट में अभी से भागने लगा शेयर

One MobiKwik Systems IPO के लिए SBI कैपिटल मार्केट्स और डीएएम कैपिटल एडवायजर्स, बुक ​रनिंग लीड मैनेजर हैं। रजिस्ट्रार लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड है। IPO में 75 प्रतिशत हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए, 10 प्रतिशत हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए और 15 प्रतिशत हिस्सा नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व है

अपडेटेड Dec 08, 2024 पर 10:58 AM
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MobiKwik IPO में केवल 2.05 करोड़ नए शेयर जारी होंगे।

One MobiKwik Systems IPO: डिजिटल पेमेंट्स फर्म वन मोबिक्विक सिस्टम्स लिमिटेड (मोबिक्विक) का IPO 11 दिसंबर को खुलने वाला है। इसमें 13 दिसंबर तक पैसे लगाए जा सकेंगे। इश्यू की ओपनिंग से पहले ही ग्रे मार्केट में कंपनी के शेयर IPO के अपर प्राइस बैंड 279 रुपये से 120 रुपये या 43 प्रतिशत के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं। इस हिसाब से शेयर 18 दिसंबर को BSE और NSE पर 399 रुपये के भाव पर लिस्ट हो सकते हैं।

ग्रे मार्केट एक अनऑथराइज्ड मार्केट है, जहां किसी कंपनी के शेयर उसकी लिस्टिंग तक ट्रेड करते हैं। मोबिक्विक के IPO की क्लोजिंग के बाद अलॉटमेंट 16 दिसंबर को फाइनल होगा। एंकर निवेशक 10 दिसंबर को बोली लगा सकेंगे। मोबिक्विक को बिपिन प्रीत सिंह और उपासना टाकू ने शुरू किया था। 30 जून, 2024 तक मोबिक्विक के प्लेटफॉर्म पर 16.1 करोड़ यूजर और 42.6 करोड़ मर्चेंट थे।

प्राइस बैंड और लॉट साइज


IPO के लिए प्राइस बैंड 265-279 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। लॉट साइज 53 शेयर है। IPO में केवल 2.05 करोड़ नए शेयर जारी होंगे। कंपनी ने तीसरी बार IPO का साइज घटाकर 572 करोड़ रुपये कर दिया है। शुरुआत में मोबिक्विक ने जनवरी 2024 में 700 करोड़ रुपये के IPO के लिए आवेदन किया था। जुलाई 2021 में, इसे 1,900 करोड़ रुपये के IPO के लिए मंजूरी मिली, लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव और पब्लिक मार्केट्स में साथ के स्टार्टअप के कमजोर प्रदर्शन के कारण इस प्लान को स्थगित कर दिया गया।

IPO के पैसों का कैसे करेगी इस्तेमाल

कंपनी ने IPO में नए शेयरों को जारी कर हासिल होने वाले पैसों का इस्तेमाल विभिन्न उद्देश्यों के लिए करने की योजना बनाई है। इनमें कंपनी के फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस में ऑर्गेनिक ग्रोथ के लिए 150 करोड़ रुपये, पेमेंट सर्विसेज के विस्तार के लिए 135 करोड़ रुपये; एआई, मशीन लर्निंग और टेक्नोलॉजी में रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए 107 करोड़ रुपये और पेमेंट डिवाइसेज पर पूंजीगत व्यय के लिए 70.2 करोड़ रुपये का खर्च शामिल है।

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मई 2024 तक मोबिक्विक भारत में सबसे बड़ी मोबाइल वॉलेट कंपनी थी। कंपनी अपने शुरुआती वॉलेट संचालन से आगे बढ़कर कई तरह की वित्तीय सेवाएं देने लगी है, जिसमें मोबिक्विक ZIP और ZIP EMI जैसे क्रेडिट प्रोडक्ट्स; अपने वॉलेट, UPI और Zaakpay के जरिए डिजिटल पेमेंट और मोबिक्विक एक्स्ट्रा के जरिए पीयर-टू-पीयर लेंडिंग शामिल हैं।

Mobikwik की वित्तीय स्थिति

वित्त वर्ष 2024 के लिए फर्म ने 875 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया। एक साल पहले रेवेन्यू 539.46 करोड़ रुपये था। शुद्ध लाभ 14.08 करोड़ रुपये रहा, ज​बकि वित्त वर्ष 2023 में कंपनी को 83.81 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। अप्रैल-जून 2024 तिमाही में मोबिक्विक ने 6.62 करोड़ रुपये के शुद्ध घाटे के साथ 342.27 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया।

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Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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