IdeaForge Drone IPO: ड्रोन बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी (IdeaForge Technology) आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। कंपनी ने 750 करोड़ रुपये के इश्यू के लिए बाजार नियामक SEBI के पास प्रॉस्पेक्टस दाखिल कर दिया है। इस इश्यू के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 300 करोड़ रुपये के नए इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे। इसके अलावा प्रमोटर ग्रुप एंटिटीज क्वॉलकॉम और वेंचर कैपिटल फर्म समेत अन्य निवेशक ऑफर फॉर सेल (OFS) विंडो के तहत 4.87 लाख इक्विटी शेयर बेचेंगे। आईपीओ की सफलता के बाद यह ड्रोन बनाने वाली पहली कंपनी होगी जिसकी बीएसई-एनएसई पर लिस्टिंग होगी। पिछले साल 23 दिसंबर को एक ड्रोन कंपनी ड्रोनआचार्य एरियन इनोवेशन (Droneacharya Aerial Innovations) की घरेलू मार्केट में एंट्री तो हुई थी लेकिन इसके शेयर बीएसई-एसएमई पर लिस्ट हुए थे।
आइडियाफोर्ज के 750 करोड़ रुपये के इश्यू के तहत 300 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे। हालांकि कंपनी 60 करोड़ रुपये तक के शेयरों के लिए कुछ लीड बैंकर्स से बातचीत कर रही है और यह बातचीत सफल होती है तो इश्यू के तहत नए शेयरों की संख्या कम हो सकती है। IdeaForge का इश्यू इस साल मई में आ सकता है। इश्यू का 75 फीसदी हिस्सा क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बॉयर्स (QIB), 15 फीसदी हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स (NII) और 10 फीसदी हिस्सा खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित रहेगा। कंपनी के एंप्लॉयीज के लिए भी कुछ हिस्सा आरक्षित रहेगा।
नए शेयरों की जारी कर जरिए जुटाए गए 50 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर्ज चुकाने में होगा। 135 करोड़ रुपये का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और 40 करोड़ रुपये का इस्तेमाल प्रोडक्ट डेवलपमेंट में निवेश के लिए किया जाएगा। बाकी पैसों का इस्तेमाल आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में किया जाएगा। इस इश्यू के लिए बुक रनिंग लीड मैनेजर्स जेएम फाइनेंशियल और आईआईएफएल सिक्योरिटीज हैं। वहीं रजिस्ट्रार लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड है।
कंपनी के बारे में डिटेल्स
आइडियाफोर्ज को वर्ष 2007 में आईआईटी बॉम्बे के एलुमनी अंकित मेहता, आशीष भाट, राहुल सिंह, विपुल जोशी और अमरदीप सिंह ने शुरू किया था। कंपनी के दावे के मुताबिक इसे 15 वर्षों का आरएंडडी अनुभव है और 20 से अधिक पेटेंट्स है। इसने पेटेंट के लिए 62 आवेदन किए हैं जिसमें से 28 देश में और 34 अंतरराष्ट्रीय स्तर पर। यह कंपनी सर्विलांस, मैपिंग और सर्वे के लिए ड्रोन बनाती है। इसके ड्रोन्स का इस्तेमाल सेना, सीएपीएफ. राज्यों की पुलिस, डिजास्टर मैनेजमेंट फोर्सेज, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट्स और आम ग्राहक करते हैं।
यह कंपनी स्वदेशी मानवरहित हवाई वाहन (Unmanned aerial vehicle यानि UAV) के मामले में देश की सबसे बड़ी कंपनी है। इसका इस्तेमाल नेपाल में 2015 के भूकंप के दौरान खोज और बचाव गतिविधियों में सहायता के लिए किया गया था। कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें पिछले तीन वित्त वर्षों में इसका ऑपरेशनल रेवेन्यू 237.48 फीसदी के सीएजीआर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ा है। वित्त वर्ष 2021 में यह घाटे में थी लेकिन अगले ही वित्त वर्ष में इसे 44.01 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल हुआ था। चालू वित्त वर्ष की बात करें तो अप्रैल-सितंबर 2022 में इसे 138.55 करोड़ रुपये का ऑपरेशनल रेवेन्यू और 45.21 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हासिल हुआ था।